राजेश मिश्रा
गया जिले में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया द्वारा एक दिवसीय विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया | यह व्याख्यान मगध विश्वविद्यालय अंतर्गत अवस्थित राधाकृष्णन सभागार में संपन्न किया गया, जिसमे डॉ. अरविन्द महाजन, पूर्व क्षेत्रीय उप निदेशक, संग्रहालय निदेशालय, बिहार सरकार के द्वारा “बिहार में संग्रहालय आन्दोलन” विषय पर एक विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
इस विशेष व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुशील कुमार सिंह निदेशक, दूरस्थ शिक्षा संस्थान, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया द्वारा की गई | मुख्य वक्ता डॉ. अरविन्द महाजन द्वारा बिहार सरकार द्वारा संचालित सभी संग्रहालयों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं संग्रहालय के महत्व तथा इसकी उपयोगिता से श्रोताओं को अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि बिहार में सबसे पहले गया में ही संग्रहालय की स्थापना 1855 ई० में की गई थी | डॉ. महाजन ने बिहार सरकार द्वारा कुछ निर्माणाधीन संग्रहालय के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप तथा पटना में बापू टावर अंतर्गत अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है जो पूरे देश के संग्रहालयों के लिए एक आदर्श स्थापित करेगा।
साथ ही डॉ. महाजन ने बताया कि विभागीय संग्रहालय एक शैक्षणिक केन्द्र होता है जहाँ विश्वाविद्यालय द्वारा कई तरह के रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित किये जा सकते हैं जिससे विश्वविद्यालय तथा सम्बंधित विभाग की अकादमिक प्रगति होगी | मुख्य वक्ता के व्याख्यान के उपरान्त सत्र के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सुशील कुमार सिंह द्वारा अध्यक्षीय संबोधन में बताया गया कि मगध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति, प्रो. शशि प्रताप शाही के मार्गनिर्देशन में प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के अंतर्गत अवस्थित पुरातत्व संग्रहालय को पुनर्व्यवस्थित किया जा रहा है तथा इसके लिए नव नियुक्त शिक्षकों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उत्साहवर्धन किया।
साथ ही यह घोषणा की गई कि इस विभागीय संग्रहालय के माध्यम से प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग द्वारा संग्रहालय विज्ञान से सम्बंधित रोजगारपरक पाठ्यक्रम शीघ्र ही संचालित करने की योजना है, जिससे यहाँ के छात्र-छात्राएँ लाभान्वित होंगे | कार्यक्रम का सम्पूर्ण सफल आयोजन डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के मार्गदर्शन में किया गया तथा इस विभाग के सभी शिक्षकगण क्रमशः डॉ. श्रवण कुमार सिंह, डॉ. विनोद कुमार यादवेन्दु, डॉ. अलका मिश्रा, श्री आलोक रंजन, डॉ. अनूप कुमार भारद्वाज, डॉ. जन्मेजय सिंह, डॉ. विजयकांत यादव उपस्थित थे।
मंच संचालन का कार्य डॉ. चन्द्र प्रकाश द्वारा किया गया | इसके अतिरिक्त डॉ. मनीष सिन्हा, पूर्व विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, गया कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. कुणाल किशोर, आर एम डब्लू कॉलेज के सहायक प्राध्यापक, श्री केसरनाथ, योग प्राध्यापक, डॉ. सुवंश कुमार सिन्हा तथा अन्य विभागों के शिक्षकगण एवं विभागीय कर्मचारीगण श्री जनार्दन प्रसाद, बबलू कुमार, राहुल कुमार उपस्थित थें।
इस व्याख्यान द्वारा बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं का ज्ञानवर्धन किया गया | अंत में सहायक प्राध्यापक, श्री आलोक रंजन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करने के उपरान्त कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ|