आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी पर हिन्दी भवन में कार्यक्रम सम्पन्न
मगध विश्विद्यालय, बोधगया अन्तर्गत हिन्दी विभाग में पीएच.डी. कोर्सवर्क में प्रवेश हेतु 27 मई दिन सोमवार से पैट 2021 और नेट/बेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार आरम्भ किया गया जो 29 मई तक जारी रहेगा। अब तक दो दिनों में 100 से अधिक अभ्यर्थी साक्षात्कार में सम्मिलित हो चुके हैं।
ज्ञात हो कि 30 मई को मगही और संगीत के अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी हिन्दी भवन में आयोजित होगा। उपर्युक्त जानकारी एमयू हिन्दी और मगही विभागाध्यक्ष एवं छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो. ब्रजेश कुमार राय ने दी।
मंगलवार को हिन्दी विभाग द्वारा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘दूसरी परम्परा के उन्नायक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी’ विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि और हिन्दी विभाग, राँची विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो. विंध्यवासिनी नंदन पांडेय जी का स्वागत प्रो. ब्रजेश कुमार राय जी ने पुष्पगुच्छ, श्वेत बुद्धप्रतिमा का स्मृतिचिह्न और अंगवस्त्र प्रदान कर किया। प्रो. पांडेय जी ने आचार्य द्विवेदी के लोक और आचार्य रामचंद्र शुक्ल के शास्त्र के बीच की रेखा को कबीर और तुलसी के उदाहरण के माध्यम से सहज रूप में प्रस्तुत किया।
इसी क्रम में आचार्य द्विवेदी के मनुष्यता के विचार को उन्होंने सामने रखा और सदियों से शोषित वर्ग द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार कर समाज को संतुलित पथ पर चलने का समाधान प्रस्तुत किया।
डॉ. परम प्रकाश राय ने मंच संचालन करते हुए सभी अतिथियों का परिचय श्रोताओं से कराया। वरिष्ठ आचार्य प्रो. सुनील कुमार ने सत्य के लिए गुरु, मंत्र और वेद से भी न डरने की बात बीज वक्तव्य में रखी। आभार ज्ञापन करते हुए डॉ. आनंद कुमार सिंह ने सभी विद्यार्थियों और शोधार्थियों से द्विवेदी युग एवं हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के साहित्य का अनिवार्य अध्ययन करने की गुजारिश की। श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. राकेश कुमार रंजन और डॉ. अनुज कुमार तरुण के अतिरिक्त डॉ. अम्बे कुमारी भी मौजूद रहीं।