बिरहारा के चंद्रबाबू मेहता बने दारोगा, इलाके में हर्ष

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– समाजवादी नेता शहीद रामरूप मेहता के पौत्र हैं चंद्रबाबू
– पिता करते हैं खेती, मां हैं गृहणी

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औरंगाबाद। मगध के प्रसिद्ध समाजावादी नेता शहीद रामरूप मेहता के पौत्र चंद्रबाबू मेहता का बिहार दारोगा में चयन हुआ है। इसे लेकर इलाके में काफी खुशी का माहौल है। चंद्रबाबू हसपुरा प्रखंड अंतर्गत बिरहारा गांव के रहनेवाले हैं। उनके पिता सर्वोदय मेहता किसान हैं और मां फूलवंती देवी गृहणी हैं।

चंद्रबाबू मेहता राज्य के वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सिंह के छोटे भाई हैं। उनकी भाभी सरकारी शिक्षक हैं। चंद्रबाबू ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा से स्नातक तक की पढ़ाई की है। मेहता के दादा शहीद रामरूप मेहता मगध के बड़े समाजवादी नेता थे।

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उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य पुलिस की नौकरी उन्हें हमेशा आकर्षित करती रही है। इससे आम जनता की हिफाजत करने और कानून का राज स्थापित करने का अवसर मिलता है। उनका लक्ष्य आईपीएस अफसर बनने का है। दारोगा बनने का श्रेय उन्होंने अपने परिवार को दिया है।

उनके पिता ने बताया कि चंद्रबाबू शुरू से ही पढ़ने-लिखने में मेधावी रहे हैं। विदित हो कि कुल 5 लाख 36 हजार 754 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। इनमें 1275 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की।

दारोगा बनने पर जिप सदस्य प्रतिनिधि अखलाक खान, मुखिया फुरकान खान, सरपंच सुरेंद्र कुमार सुमन, पूर्व मुखिया राजकुमार उर्फ छोटू, आनंद संगीत महाविद्यालय के निदेशक अरविंद कुमार वर्मा, शिक्षक राहुल रंजन आदि गणमान्य लोगों ने उन्हें बधाई दी है।

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