मगध विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के परिसर में मुख्य द्वार के समक्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पर केंद्रित एक नुक्कड़ नाटक का सफल आयोजन किया गया। नाटक में भारतीय शिक्षा प्रणाली के महत्व एवं बदलते प्रतिमान के साथ-साथ मानव के समकालीन चुनौतियों
को उजागर किया गया तथा इन चुनौतियों का समाधान भारतीय नज़रिये से करने को इंगित किया गया। नाटक में भारतीय ज्ञान परम्परा में निहित वसुधैव कुटुंबकम, कर्म के सिद्धांत, सतत मानव विकास, जैव विविधता एवं शांति एवं अहिंसा के पहलुओं को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया। गाँधी को एक शांति-अहिंसा के एक सर्वकालिक एवं सार्वभौमिक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रदर्शित किया गया जिनका प्रेरणा श्रोत भारतीय ज्ञान परम्परा ही था।
नाटक में भागीदार विद्यार्थियों ने कवितााओं, गीतों एवं विभिन्न भाव भंगिमााओं द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परम्परा एवं संस्कृति के महत्व को अभिव्यक्त किया। नाटक में शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों आशीष शंकर ,विवेक कुमार, प्रकाश कुमार, दिवाकर कुमार, नितीश कुमार ,सौरभ कुमार,आराध्या वर्मा, अनुभा पटेल, संतोष कुमार, अनु रंजन, गुलशन एवं सोनल वर्मा ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा बेहतरीन प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर आई क्यू ए सी, समन्वयक प्रो० मुकेश कुमार, शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ पर्वत ढल, तथा विभिन्न विभागों के शिक्षकों एवं में डॉ अंजनी कुमार घोष, , डॉ दिव्या, डॉ शमशाद, डॉ शिल्पी, डॉ एकता, डॉ ममता, डॉ राकेश, डॉ परम, डॉ अस्मिता, डॉ मेषी, डॉ प्रियम, डॉ वंदना, डॉ राहुल एवं एन ई पी, समन्वयक डॉ प्रियंका सिंह, इत्यादि, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शोधार्थी अशोक एवं दीपक कुमार डांगी एवंं विद्यार्थी मनीष, हिमांशु एवं अन्य लोग भारी संख्या में उपस्थित थे।