समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में की खुदकुशी  सुसाइड नोट में न्यायिक व्यवस्था , पत्नी और ससुराल वालों पर लगाए कई गंभीर आरोप 

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समस्तीपुर के वैनी थाना क्षेत्र के पूसा रोड के रहने वाले 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में खुशकुशी कर ली है। आत्महत्या से पहले अतुल ने 1.21 घंटे का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला है। जिसमे उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के पांच लोगों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

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इसके साथ ही पुलिस, प्रशासन, महिला आयोग समेत पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। इंजीनियर ने ससुराल पक्ष के लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हुए इंसाफ मांगा है। उसने मरने के से पहले जो टी-शर्ट पहन रखी है उस पर भी Justice is Due लिखा है। उनसे वीडियो में यह भी कहा कि मरने के बाद भी इंसाफ न मिले तो अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा दी जाएं।

अतुल सुभाष की शादी उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निकिता सिंघानिया से वर्ष 2019 में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद निकिता अचानक बेंगलुरु छोड़कर जौनपुर लौट गई और पति समेत ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करा दिया। अतुल ने अपनी मौत से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट

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लिखा और डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा को व्यक्त किया। उन्होंने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया उर्फ पीयूष, और चचेरे ससुर सुशील सिंघानिया को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।

अतुल ने जौनपुर के एक कोर्ट के फैसले का भी जिक्र करते हुए असंतोष जताया है। कहा कि पत्नी ने दहेज उत्पीड़न, मारपीट, अप्राकृतिक दुष्कर्म सहित कुल नौ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। मुकदमे की वजह से उन्हें बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था। वीडियो में दावा किया कि कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी हैं।

पेशी के लिए वह 40 बार खुद बेंगलुरु से जौनपुर आ चुके हैं। उनके माता पिता को भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पीड़ित ने इसके लिए पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा को जिम्मेदार ठहराया।अतुल का आरोप है कि पत्नी और ससुरालवालों ने पैसे ऐंठने के लिए साजिश रची।

अतुल का आरोप है कि जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जज ने उन पर तीन करोड़ रुपये की एलिमनी देने का दबाव बनाया। अतुल ने दावा किया कि कोर्ट में पेशकार को रिश्वत देनी पड़ती है। जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया तो उनके खिलाफ हर महीने 80 हजार रुपये मेंटिनेंस देने का आदेश जारी कर दिया गया।

इस घटना की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मचा है । परिवार के लोग बेंगलुरु पहुँच चुके है । जहां पोस्टमार्टम के बाद उनका दाह संस्कार किया गया । अतुल के रिश्तेदार और ग्रामीण इस पूरे मामले में दोषी ससुराल वालों पर सख्त कार्रवाई और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे हैं ।

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