औरंगाबाद जिला मुख्यालय के क्लब रोड के समीप अवस्थित ऑक्सफोर्ड इंग्लिश क्लासेस के सभागार में कतर दोहा के विश्व स्तरीय शायर एवं कवि मकसूद अनवर मकसूद जी के शान में एकल काव्य संध्या का आयोजन किया गया।नलिन रंजन मिश्रा स्मृति संस्थान के तत्वावधान में आयोजित काव्य संध्या में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में निर्वाचन पदाधिकारी गजाली साहब की गरिमामई उपस्थिति रही। काव्य संध्या की अध्यक्षता प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रेमेंद्र कुमार मिश्रा ने किया जबकि,
संचालन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित उद्घोषक आफताब राणा ने निभाई। काव्य संध्या में उपस्थित शब्दाक्षर के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी,प्रांतीय महामंत्री विनय मामूली बुद्धि,जिलाध्यक्ष नागेन्द्र प्रसाद केसरी,जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी,नूर आलम सिद्दीकी, डॉ यूसुफ, गुलफाम सिद्दीकी, इकबाल अख्तर दिल,जनार्दन मिश्र जलज,गजल गायक हिमांशु चक्रपाणि ने काव्य संध्या में अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी। काव्य प्रस्तुति से ऐसा लग रहा था जैसे हिंदी और उर्दू की सरिता बह रही हो।
हिंदी और उर्दू के भाषा के दोनों ही तरफ से मशहूर कवि शायरों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दी।मकसूद अनवर मकसूद ने मां को संबोधित भाव विभोर करने वाली कविता कहीं। वही इश्क पर संवेदनशील शायरी कहीं।हम हुए बेकार पागल इश्क में, कर रहा था वो रिहर्सल इश्क में। हर नव्ज तारे नव्ज की खींचतान, हर कदम पर एक दलदल इश्क में।
तंग आकर जान से जाते हैं लोग कौन होता है मुकम्मल इश्क में। उपस्थित लोगों ने पुष्पहार अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया है।वहीं जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के पूर्व उपाध्यक्ष महेंद्र पांडेय लिखित मानवेतर प्राणी जगत पुस्तक देकर धनंजय जयपुरी द्वारा सम्मानित किया गया।