श्रद्धा पूर्वक याद किए गए भगत सिंह एवं उनके दो साथी राजगुरु और सुखदेव

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औरंगाबाद जिले के दाउदनगर  में श्रद्धापूर्वक याद किए गए शहीद ए आजम भगत सिंह एवं उनके साथ शहीद हुए दो साथी- राजगुरु और सुखदेव ! आज यहां अरविंदो मिशन स्कूल दाऊदनगर के प्रांगण में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित बड़ी संख्या में समाज के

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गणमान्य नागरिकों समेत आम लोगों एवं विभिन्न विद्यालयों के बच्चे भी शामिल हुए तथा शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए । उपस्थित सारे लोगों ने शहीदों के सम्मान में खड़े होकर दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए ! तत्पश्चात शहीदों के सम्मान में यहां

आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा का विधिवत उद्घाटन भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य कॉमरेड अनवर हुसैन ने किया तथा उन्होंने अपना सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया । उन्होंने अपने उद्बोधन में यह बताया कि आज भगत सिंह और उनके साथियों का शहादत दिवस ऐसे समय में मनाया जा रहा है जब देश में बचे-खुचे सीमित लोकतंत्र को भी समाप्त करने की साजिश रची जा रही है । उन्होंने कहा कि आज देश के पूंजीवादी लोकतंत्र की विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ही भ्रष्ट नहीं हुई हैं बल्कि

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व्यवस्थापिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका एवं मीडिया समेत लोकतंत्र के सारे पाए जर्जर और भ्रष्ट होते हुए दिख रहे हैं । ऐसे में आज हमें भगत सिंह का वह वक्तव्य याद आता है जब उन्होंने कहा था – “केवल अंग्रेजों को देश छोड़कर चले जाने एवं उनके चमचे राय बहादुरों एवं खान बहादुरों के सत्ता में आ जाने से देश के लाखों करोड़ों मेहनतकश मजदूरों-किसानों को कोई लाभ नहीं होगा जब तक कि देश में एक समाजवादी समाज नहीं बनाया जाता है !” उन्होंने कहा कि आज भगत सिंह का वह वक्तव्य हमें बिल्कुल सही और सटीक नजर आ रहा है ।

इस श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए इस संस्थान के सचिव सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि हिन्दुस्तान को एक समाजवादी राष्ट्र बनाने तथा देश में जाति,धर्म,क्षेत्र,भाषा, नस्ल,इत्यादि के नाम पर आज चलाई जा रही राजनीति का विरोध करते हुए देश के लोगों के बीच अमन और भाईचारा के लिए कार्य करना हीं आज इन शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला नेत्री मीना सिंह ने कहा कि भगत सिंह और उनके साथियों का सपना था कि समाज में महिलाओं को बराबरी का स्थान मिले लेकिन आज महिलाओं को संसद में आरक्षण महज लॉलीपॉप दिखलाया जा रहा है तथा उनके खिलाफ विभिन्न प्रकार की हिंसा में लगातार वृद्धि हो रही है ।

शहीद-ए-आजम की इस श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए गोह कॉलेज के गणित विभाग के विभागाध्यक्ष – राजकमल कुमार सिंह ने कहा कि जब तक देश में समान शिक्षा व्यवस्था लागू नहीं होगा तब तक देश भगत सिंह के सपनों का हिन्दुस्तान बनाना संभव नहीं होगा लेकिन मौजूदा हुक्मरान ऐसा नहीं करना चाहते हैं।

इस श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए स्थानीय समाजसेवी एवं शिक्षक नेता सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि भगत सिंह एवं उनके साथियों की कुर्बानी आजादी की लड़ाई का वह महत्वपूर्ण मोड़ था जहां से यह बिल्कुल तय हो गया था कि अब भारत की आजादी को दुनियां की कोई ताकत रोक नहीं सकती । 23 मार्च 1931 को जब भगत सिंह एवं उनके साथियों ने अपना बेशकीमती बलिदान दिया था तभी यह तय हो गया था कि देश की आजादी का लक्ष्य अब ज्यादा दूर नहीं है ।

इनके अलावा इस सभा को संस्थान के कोषाध्यक्ष- संजय कुमार सिंह,स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता- कयूम अंसारी,स्थानीय विद्यार्थी विवेकचंद्र सैनी,कशिश कुमार,शिक्षिका सिम्पी पटेल,शिक्षक बिनोद भगत,जगदीश ठठेरा,कृष्णानंद किशोर,फातमा जी,प्रह्लाद प्रसाद,संजय शाह,संजय प्रसाद,दिलीप कुमार,माले नेता बिरजू चौधरी, कयूम अंसारी, राजाराम सिंह, महेन्द्र राम,रामसकल महतो, सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मियों के नेता जयराम सिंह,इत्यादि लोगों ने भी संबोधित किया ।

अन्त में उपस्थित सभी लोगों ने सर्वसम्मति से एक संकल्प सह मांग प्रस्ताव पारित किया जिसमें– नासरीगंज दाऊदनगर सोन-पुल का नामकरण ‘शहीद भगत सिंह सेतु’ करने/पूरे देश में शहीद भगत सिंह एवं उनके साथियों के शहादत दिवस के दिन 23 मार्च को सार्वजनिक छुट्टी घोषित करने/ संसद भवन में तीनों

शहीदों की तस्वीरें लगाने/ इन्हें आतंकवादी घोषित करने वाले अंग्रेजी दस्तावेजों को रद्द कर के इन तीनों शहीदों को ‘राष्ट्रीय-शहीद’ घोषित करने/देश की सभी राज्यों की राजधानियों में शहीद-ए-आजम एवं उनके साथियों का स्मारक निर्माण करवाने/शहीद-ए-आजम की सभी रचनाओं को हिन्दी एवं अंग्रेजी में सरकारी खर्च पर मुद्रित-प्रकाशित करवाकर उन्हें देश के सारे मान्यताप्राप्त पुस्तकालयों में मुफ्त में

उपलब्ध करवाने/शहीद-ए-आजम और इनके साथियों की जीवनी को सरकार द्वारा स्कूलों,कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल करवाने,इत्यादि मांगें शामिल हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष- कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी तथा संचालन- सचिव सत्येन्द्र कुमार ने किया । इसके बाद इन्कलाब जिंदाबाद / शहीद-ए-आजम भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव अमर रहें /इत्यादि गगनभेदी नारों के साथ कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।

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