शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के कालजयी विचारों पर मगध विश्वविद्यालय में परिचर्चा

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गया शहीद दिवस के अवसर पर मगध विश्वविद्यालय बोध गया के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, मगध वि वि, बोध गया के तत्वावधान में आज 24 मार्च को एक विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित कर अमर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई और विभाग में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। स्मृति सभा में अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और

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सुखदेव के राष्ट्र के प्रति समर्पण के साथ साथ चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर दत्त आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो मुकेश कुमार ने शहीद – ए – आज़म भगत सिंह के कार्यों का मनन करते हुए समाज और देश के प्रति उनके विचारों पर प्रकाश डाला। आजादी की लड़ाई सभी धर्मो, सम्प्रदायों एवं वर्गों ने मिलकर लड़ी थी।

उन्होंने भगत सिंह के कालजयी विचारों पर प्रकाश डालते हुए समाज में परस्पर सौहार्द्र, सदभावना, सहिष्णुता और शांति हेतु उनके समाजवादी एवं राष्ट्रवादी चिंतन से अवगत कराया। प्रो. पीयूष कमल सिन्हा ने भगतसिंह के बिहार आगमन से संबन्धित कई उद्धरणों के माध्यम से उनके कार्यों का उल्लेख किया। प्रो. नृपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने चर्चा में भाग लेते हुए भगत सिंह के क्रांतिकारी गतिविधियों की राष्ट्रीय आंदोलन पर प्रभाव की व्याख्या की।

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डॉ. सचिन कुमार मंदिलवार ने उनके प्रारंभिक जीवन और क्रांतिकारी गतिविधियों में उनकी भागीदारी का उल्लेख किया। डॉ. हरि बाबू बोडो ने भगत सिंह के देश के प्रति समर्पण को अपने जीवन में उतारने पर बल दिया। मंच संचालन करते हुए सहायक प्राध्यापक श्री रवि शंकर कुमार ने तात्कालिक परिदृश्य में भगत सिंह के कार्यों और स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी कार्यों की आवश्यकता को बताया।

स्मृति सभा में आयोजित परिचर्चा में विभाग की शिक्षिका डॉ अस्मिता खलखो, मैसी चरण सहित बड़ी संख्या में छात्र, छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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