औरंगाबाद।बारुण प्रखंड मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित दाउदनगर रोड में सोन नहर के समीप पिपरा ग्राम में अवस्थित अष्टभुजी माता मंदिर के प्रांगण में अष्टभुजी माता के महोत्सव मनाने के निमित महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।पूर्व मुखिया अजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में
नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक अजीत मिश्रा एवं जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी की गरिमामई उपस्थिति में उपस्थित लोगों ने विचार समन्वय किया एवं अष्टभुजी माता का महोत्सव धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया। शिक्षक अक्षय लाल गुप्ता एवं राजा दिलीप सिंह ने बताया कि आगामी 7 अप्रैल के बैठक में महोत्सव के तिथि का निर्धारण किया जाएगा एवं महोत्सव में
कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी बैठक में उपस्थित सुरेंद्र साव,महेंद्र भगत,उपेंद्र सिंह,सुनील साव, श्रीपति प्रसाद साहू, रामाशीष भगत,त्रिवेणी राम, उपेंद्र प्रसाद, कृष्णा साव, देवनंदन राम,शशि भूषण प्रसाद,ललन भगत,रामाधार पासवान, रंजीत गुप्ता, मिथलेश पाल,रामाशंकर भगत,गिरिजेश साव, ब्रह्मदेव भगत,रामानंद पासवान विजय भगत सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यह
अष्टभुजी माता का मंदिर अति प्राचीन है वर्षों पूर्व एक पीपल के पेड़ के नीचे इनका निवास स्थान था फिर यहां के ग्रामीणों ने इनकी स्थापना कराई अष्टभुजी माता के अलावा अन्य देवी देवताओं की भी यहां पर बहुत सारे मंदिर हैं।एक छोटे से ग्राम इतने सारे मंदिरों का होना यह दर्शाता है कि इस ग्राम की गौरवशाली धार्मिक परंपरा
कितना उत्सर्जित है। अष्टभुजी माता के मंदिर को पर्यटन का दर्जा दिलाने एवं इनकी महिमा को देश दुनिया में प्रचारित प्रसारित करने वास्ते महोत्सव कराए जाने की आवश्यकता पर भी लोगों ने चर्चा की। साथ ही साथ लोगों ने यह भी कहा कि विंध्याचल में विंध्यवासिनी माता की प्रतिकीर्ति के रुप में अष्टभुजी माता इस मंदिर में विराजमान है।