जिला प्रशासन ने जिले के समस्त पूजा समितियों को मूर्ति विसर्जन के लिए दिया आवश्यक निर्देश

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औरंगाबाद।जिले में मंगलवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के हवाले से आई सूचना के अनुसार जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि जिले के सभी पूजा समितियों को मूर्ति विसर्जन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश के अनुसार प्रत्येक पूजा समिति यह सुनिश्चित करेगी की पूजा की सामग्री फूल और कागज तथा प्लास्टिक से बनी अन्य सजावटी सामग्रियां मूर्ति विसर्जन से पहले हटा ली गई है या नहीं।

साथ ही साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार निपटान के लिए जैव विघटन सामग्रियां अलग कर ली गई है या नहीं। इसके अलावा सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था एवं मूर्ति विसर्जन के संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा संशोधित मार्गदर्शिका का पालन कर लिया गया है या नहीं।

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इतना ही नहीं जिला प्रशासन ने इससे संबंधित स्थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन को भी कई दायित्व भी दिया है और इससे संबंधित निर्देश जारी किए गया हैं। जारी निर्देश के अनुसार स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में कराएगी।

किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मूर्तियों के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों को इतनी बड़ी संख्या में बढ़ाएं जो भीड़भाड़ से बचने और प्रदूषण के भार को कम करने के लिए पर्याप्त हो। पूजा समिति के साथ कृत्रिम तालाबों एवं विसर्जन स्थल को चिन्हित करें।

कृत्रिम तालाबों एवं विसर्जन स्थलों को अधिसूचित कर इसकी सूचना पूजा समितियां एवं आम जनता को दे। मूर्तियों का विसर्जन पुलिस प्राधिकार या जिला प्राधिकार द्वारा निर्धारित समय सारणी के अनुसार हो। विसर्जन स्थल पर जनित ठोस, कचरा यथा फूल, कपड़ा, सजावट सामग्री आदि के जलाने पर रोक लगाई जाए।

स्थानीय निकाय और प्रशासनिक पदाधिकारी सुनिश्चित करें कि मूर्तियों के विसर्जन के 48 घंटे के भीतर मूर्तियों के अवशेष, संचित मलबा, पुआल या जुट की रस्सी आदि एवं मूर्तियों के अपशिष्ट पदार्थों को हटाया गया है या नहीं और उसे ठोस कचरा संग्रह स्थल पर पहुंचाया गया है या नहीं।

इसके अलावे यह भी सुनिश्चित हो कि विसर्जन से पहले जैव विघटन सामग्री हटा लिया गया है। संबंधित स्थानीय निकाय इन सामग्रियों का उपयोग खाद और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए कर सके। यदि पूजा समिति निर्देशों का उल्लंघन करती है तो इसकी सूचना बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद को दें।

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