हर हाल में प्रतिमाओं का विसर्जन 14 नवंबर तक काराए, गया डीएम त्यागराजन एसएम

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                            राजेश मिश्रा

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गया।जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में काली पूजा मूर्ति विसर्जन एव छठ पूजा के अवसर पर विभिन्न तालाबो एव नदियों में किये गए व्यवस्थाओ के संबंध में बैठक किया।बैठक में बताया गया कि सदर अनुमंडल क्षेत्र में लगभग 85 लाइसेंस काली पूजा के अवसर पर दिए गए हैं। ज़िला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि हर हाल में शत प्रतिशत प्रतिमाओं का विसर्जन 14 नवंबर तक करवा दें।जिला पदाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ छठ पर्व प्रारंभ होता है।

इसे ध्यान में रखते हुए अपने क्षेत्र के सभी छठ घाटों का हर हाल में भौतिक सत्यापन कर ले। यदि कहीं किसी घाट पर सामान्य से ज्यादा गहरा या आने जाने का रास्ता बिल्कुल खराब रहने पर, वैसी स्थिति में संबंधित घाटों को खतरनाक घाट घोषित करते हुए प्रतिबंधित करें एवं बैरिकेडिंग करवाये। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के बीच प्रचार करवाये की वह संबंधित घाट प्रतिबंधित घाट है।

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उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को यह भी कहा कि बालू खनन के कारण यदि किसी नदी में सामान्य से ज्यादा गड्ढा खोदा गया है या गड्ढे में पानी जमा है, तो उन संबंधित स्थान पर अपर समाहर्ता आपदा एव जिला खनन पदाधिकारी से समन्वय कर गड्ढो को भरवाना या उस स्थान को पूरी मजबूती से बैरिकेडिंग कराकर लाल झंडा एवं फ्लेक्स के माध्यम से खतरा एवं अन्य प्रचार प्रसार करवाये ताकि आम जनता उस प्रतिबंध क्षेत्र नहीं जा सके। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को कहा कि छठ पर्व के अवसर पर यदि आपके क्षेत्र किसी गोताकोर की आवश्यकता है तो उसकी सूची हर हाल में आपदा कार्यालय को उपलब्ध करावे।

जिला पदाधिकारी ने कहा कि छठ पर्व के अवसर पर संध्या अर्घ्य एवं सुबह अर्घ्य देने वाले छठ व्रती के साथ-साथ अन्य श्रद्धालुओं का भीड़ सूर्यकुंड तालाब पर काफी संख्या में रहता है। उन्होंने कहा कि सूर्यकुंड में काफी भीड़ रहने के कारण गया जिला वासियों से अपील किया जाता है कि सूर्यकुंड के साथ-साथ अन्य घाटों को सभी व्यवस्था युक्त बनाया गया है। देवघाट एवं फल्गु घाटों का भी प्रयोग किया जाए।

ऐसा पाया जाता है कि सूर्यकुंड में ही लोग जाने का इच्छा रखते हैं, जिसके वजह से एंट्री पॉइंट पर भीड़ का काफी दबाव हो जाता है, जिससे लोगों को कोई भी घटना होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए सावधानी के तौर पर जिला प्रशासन की ओर से अपील है कि सूर्यकुंड में भीड़ की क्षमता भरने के बाद देवघाट एवं अन्य फल्गु घाट का उपयोग किया जाए। सूर्य कुंड की क्षमता सीमित है।बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, पुलिस उपाधीक्षक नगर उपस्थित थे।

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