एक्सप्रेसवे के किसानों ने किया बैठक, बिना उचित मुआवजा नहीं देंगे जमीन

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भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसानों ने अम्बा के कमला कॉम्प्लेक्स में बैठक किया जिसकी अध्यक्षता बिरेन्द्र पांडेय तथा संचालन अनिल सिंह ने किया।

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बैठक में किसानों ने एक मत से निर्णय लिया कि बिना उचित मुआवजा मिले किसी कीमत पर धरातल पर काम नहीं होने देंगे।

उल्लेखनीय है कि भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण होना है जो एक्सप्रेसवे औरंगाबाद के नबीनगर, कुटुम्बा तथा देव प्रखंड से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे निर्माण के लिये जिन जिन किसानों से जमीनें अधिग्रहित की जा रही है वे मुआवजे की राशि को लेकर सरकार से खासे नाराज और चिंतित हैं।

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बैठक में आये किसान संघर्ष समिति के संरक्षक सह जिला परिषद प्रतिनिधि सुबोध कुमार सिंह नें बताया कि किसानों को वर्तमान बाजार दर से चार गुणा मुआवजा मिलना चाहिए जबकि उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित 2016 के एमवीआर से दिया जा रहा है जो किसानों के साथ अन्याय है। किसान इस बात को लेकर भी खासे नाराज हैं कि भूमि अधिग्रहण कानून में 2013 में जो सुधार हुआ उसके अनुसार किसानों से जमीन ना लेकर भूमि अधिग्रहण कानून 1956 एक्ट का का उपयोग कर रही है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है।

बैठक में उपस्थित किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बिरेन्द्र पांडेय नें अपने आंदोलन को और तेज करने के लिये किसानों से अपील करते हुए कहा कि जबतक सरकारें हमारे साथ न्याय नहीं करतीं हम किसानों को सरकार से लड़ने के लिये कमर कस लेना है। उन्होंने कहा कि सरकार जब अन्याय करने लगती है तब जनता सड़क पर आकर सरकार की चूलें हिला देती हैं। सरकार हमारी शक्ति को हल्के में ना लें। किसान किसी की सरकार बना सकते हैं तो उसे हटा भी सकते हैं।

बैठक में आये वरिष्ठ किसान वशिष्ठ प्रसाद सिंह नें मालिक गैरमजूरवा बकाश्त भूमि का थ्री डी प्रकाशन ना करना और उसका नोटिस निर्गत ना करना बिहार सरकार की खोटी नियत को दर्शाता है। बिहार सरकार किसानों के मुआवजे को हड़प कर जाना चाहती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए बताया कि कोई किसान यदि 30 या 30 से अधिक वर्षों से लगान दे रहा है तब वह पूर्ण रूप से मुआवजे का हकदार है।

किसानों ने अपनी बैठक में आगे की रण नीतियों पर भी चर्चा किया और आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया।

गौरतलब बात यह भी है कि किसानों की लड़ाई मजबूत करने के लिये आगामी 20 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत औरंगाबाद आ रहे हैं जिनकी सभा देव रानी तालाब पास होगी। राकेश टिकैत के कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में चलने का भी किसानों ने संकल्प लिया।

इस बैठक में जगदीशपुर मुखिया प्रतिनिधि विनय सिंह, पूर्व मुखिया रामाकांत पांडेय, बुजुर्ग किसान चंद्रकांत पांडेय, प्रोफेसर जयराम सिंह, अभय सिंह, पूर्व सैनिक नरेंद्र राय, विकास सिंह, रवि दुबे, अमरेश दुबे, नकुल मेहता रामाश्रय सिंह, राज कुमार सिंह आदि सैकड़ों किसान मौजूद थे।

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