औरंगाबाद: विगत 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक भगवान भास्कर की नगरी देव में आयोजित श्री सूर्य महायज्ञ में पहुंचे उज्जैन के महामंडलेश्वर व अखिल भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री श्री राधे राधे बाबा ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा देश में पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देते हुए समलैंगिकता विवाह का जो निर्णय दिया गया है। उसका भारतीय संत समाज घोर निन्दा करता है।
उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति एक आदर्श प्रस्तुत करती है और इसके अलावे यहां और किसी विकृत संस्कृति को न तो हिंदू समाज स्वीकार करेगा और न ही संत समाज। ऐसे में संत समाज के तरफ से माननीय उच्चतम न्यायालय से यह आग्रह है कि ऐसे निर्णय पर गंभीरता से विचार करे और संत समाज के राय को।प्रमुखता से रखे।
राजनीति पर धर्म के अंकुश वाले सवाल पर श्री राधे राधे बाबा ने बताया कि भारतीय राजनीति जब जब धर्म के अंकुश में रही तब तक सत्ता और हमारी संस्कृति अक्षुण रही और वह सनातनी विचार से नही भटकी।ऐसे स्थिति में भारतीय राजनीति पर धर्म का अंकुश होना अनिवार्य है।
हिंदू राष्ट्र के सवाल पर श्री राधे राधे बाबा ने कहा कि अनादिकाल से हमारी धरती ने भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण को दिया। इसके अलावे भगवान महावीर, भगवान बुद्ध, आदि गुरु शंकराचार्य, गुरु ब्रह्मानंदाचार्य, रामानंदाचार्य जैसे सिद्ध पुरुषों ने जन्म लिया और अपने संदेशों से धर्म की रक्षा की।इतना ही नहीं जो राष्ट्र कभी विश्व गुरु था आज उस राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र होने की जरूरत है और संत समाज इसके प्रयास में लगा हुआ है।
क्या मोदी की जगह योगी को प्रधानमंत्री होना चाहिए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चौहान के बाद देश की बागडोर ऐसे शासक के हाथ में है जो हिंदुत्व की रक्षा में लगा हुआ है।इनके शासन काल में भगवान श्रीराम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कोरिडोर का निर्माण हो रहा है।शीघ्र ही भगवान श्री कृष्ण भी अपने स्वरूप में दिखने वाले है।मोदी जी अभी सत्ता बेहतर चला रहे हैं और इनके बाद संत समाज योगी जी को भी प्रधानमंत्री का दायित्व सौंपने पर विचार करेगा।उन्होंने कहा कि योगी जी को प्रधानमंत्री बनना भी चाहिए।