राजेश मिश्रा
बीएससी के द्वारा आयोजित अध्यापक नियुक्ति परीक्षा टियर 3 लीक होने की खबर निकलकर आ रही है जिसे मेघावी छात्र-छात्राएं गंभीर सदमे में है क्योंकि सारी किए धरे पर पानी फिरने जैसा है।
क्योंकि छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। ऐसे तो बिहार में प्रश्न पत्र लीक का चलन कोई नया नहीं है बिहार एक ऐसा राज्य है जहां किसी व्यक्ति की स्थिति केवल सरकारी क्षेत्रों में उसके पद से आंकी जाती है।
इसलिए, बड़ी संख्या में युवाओं की एक ही महत्वाकांक्षा होती है या तो योग्यता के माध्यम से या फर्जी तरीके से हर हाल में सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं।उम्मीदवार नौकरी पाने के लिए पैसे के बल पर धोखाधड़ी का रास्ता चुनकर सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं।
जो कि देश हित के लिए सही नहीं है।ऐसी में राज्य सरकार पर भी सवाल उठने लगते हैं। आखिर इतनी हाई सिक्योरिटी के बाद भी प्रश्न पत्र कैसे लीक हो जाते हैं। मेधावी छात्र तो अपने आप को ठगे हुए महसूस करते हैं और अपनी किस्मत को दोस देने लगते हैं।
1980 के दौर में रंजीत डॉन देश के प्रतिष्ठित परीक्षाएं में भी प्रश्न पत्र लिक कराने में माहिर था उस दौर में तो न जाने फर्जी तरीके से महत्वपूर्ण पद पर न जाने कितने अभ्यर्थी आसीन हो गए राज्य सरकार को इस मसले पर जरूर ध्यान देनी चाहिए क्योंकि यह अभ्यर्थियों से जुड़ी हुई मामला है।
ऐसे लोगो को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।क्योंकि फर्जी तरीके से अगर शिक्षक अभ्यर्थी परीक्षा पास कर गए तो शिक्षा का क्या हश्र होगा यह जग जाहिर है।