औरंगाबाद। सिंहा कॉलेज-पोईवां रोड स्थित बैजनाथ बिगहा गांव में सोमवार की शाम तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। एक का शव सोमवार की शाम को ही तथा दूसरे का शव 14 घंटे के बाद मंगलवार की सुबह निकाला गया। मृतक बच्चों की पहचान बैजनाथ बिगहा गांव निवासी गुड्डू कुमार के 10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार एवं प्रमोद कुमार के 12 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार के रूप में की गई है।
तालाब में डूबकर हुई दो बच्चों की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह से ही बैजनाथ बिगहा गांव के समीप ही औरंगाबाद-पोईवां पथ जाम कर दिया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीण जिला एवं पुलिस प्रशासन पर मर्माहत करने वाली इस घटना में उदासीन रवैया बरतने का आरोप लगाया और सड़क को लगभग तीन घंटे तक जाम रखा। ग्रामीणों ने बताया कि एक बच्चे के तालाब में डूबे होने की सूचना पर रात में अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन को कई बार फोन लगाया गया।
मगर किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया। इतना ही नहीं गोताखोर के नही होने के बाद भी जब शव निकल लिया गया तब थानाध्यक्ष शव को लेकर नगर थाना आने की बात कह डाली। इससे समझा जा सकता है कि तलब में डूबकर हुई दो मौत के बाद प्रशासन कितना संवेदनशील है। हां कुछ फोर्स रात्रि में भेजकर खानापूर्ति की गई। सड़क जाम के दौरान ग्रामीण मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे।
बच्चों के शव मिलने की जानकारी मिलते ही जिला पार्षद अनिल यादव एवं राजद नेता डॉक्टर रमेश यादव घटना स्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह घटना काफी हृदय विदारक है। लेकिन ग्रामीण प्रशासनिक पदाधिकारियों के रवैए से काफी नाराज हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण रात से ही गोताखोर की मांग करते रहे और घटनास्थल पर अधिकारियों के आने का आग्रह करते रहे। मगर उनके तरफ से उदासीनता बरती गई।
अंत में स्थानीय लोगों ने खुद तालाब में प्रवेश कर बच्चे के शव को निकाला। इस जाम से यात्रियों के साथ कई स्कूली वाहन तीन घंटे तक फंसे रहे। सड़क जाम की सूचना पर औरंगाबाद बीडीओ जाम स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। मगर ग्रामीण जाम स्थल पर ही मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे। बीडीओ ने ऐसा प्रावधान नहीं होने की बात कहकर मुआवजे की राशि तुरंत न दे पाने में अपनी असमर्थतता जताई। मगर ग्रामीणों ने मुआवजा राशि के तुरंत भुगतान किए जाने की घटना का हवाला देकर उन्हें निरुत्तर कर दिया।
अंत में वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद सड़क को जाम से मुक्ति मिली। ग्रामीणों ने बताया कि कल शाम गांव के बच्चे तालाब के किनारे गेंद खेल रहे थे। इसी दौरान गेंद निकालने के लिए 5 बच्चे तालाब में कूदे लेकिन दो बच्चे डूब गए। जिसमे एक बच्चा राकेश का शव सोमवार को एवं दूसरे बच्चे आयुष का शव मंगलवार को निकाला गया। दो बच्चों की मौत के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।