9 वर्षीय राहत फातिमा नें रोजा रखकर देश में अमन चैन और शांति की कर रही है दुआएं 

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औरंगाबाद।रमजान का पवित्र महीना शुरू है. इस पवित्र महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. मुस्लिम समाज के लिए रमजान के रोजे का विशेष महत्व है. रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते है

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और पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं. इसी क्रम में औरंगाबाद जिले के टिकरी मोहल्ला वार्ड नंबर 14 में रहने वाली नौशाद खान के पुत्री राहत फातिमा ने 9 साल की उम्र में अपने जीवन का पहला रोजा रखा है पिता नौशाद खान नें बताया कि रोजा रखने के बाद बच्ची का विशेष ख्याल रखना पड़ता है.

बच्चे कहीं ज्यादा दौड़ धूप में न खेले साथ ही अधिकतर समय घर में पढ़ाई कर के ही गुजारे. दिन भर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे साथ ही देश में अमन चैन और शांति की दुआएं करती रहे. माहे रमजान में नन्हे बच्चियों के रोजा रखना और इबादत करने को लेकर परिजनों सहित आसपास के लोगों ने भी काफी खुशी जाहिर की है.

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