आदर्श विवाह जागरूकता समारोह के अवसर पर भव्य कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन

2 Min Read
- विज्ञापन-

अरे बचपन कहां गये तुम ,सयाने कैसे हो गये हम

- Advertisement -
Ad image

आदर्श विवाह जागरूकता समारोह के अवसर पर जनेश्वर विकास केंद्र एवं जन विकास परिषद और साहित्य सम्वाद औरंगाबाद के तत्वावधान में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सन्ध्याकाल से देर रात तक चलनेवाले इस कार्यक्रम में नामचीन कवियों ने अपने काव्य रस से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। भक्ति, नीति,श्रृंगार और हास्य की कविताओं पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिवेश आनंदित हो उठा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षाविद एवं कई पुस्तकों के प्रणेता व संपादक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद मिश्र ने की।संस्था के सचिव एवं वरीय अधिवक्ता महोत्सवपुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने मंचासीन कवियों का सर्वप्रथम स्वागत किया।इसके बाद कवियों ने दहेज के विरोध एवं आदर्श विवाह के समर्थन में काव्य पाठ से दर्शकों को विचार करने के लिए विवश कर दिया।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

कवि वेदप्रकाश तिवारी की भावपूर्ण कविता ‘अरे बचपन कहाँ गए तुम, सयाने कैसे हो गए हम…… ‘सुनकर दर्शक अपने बचपन की याद में खो गए।वरीय कवि लवकुश जी ने अपनी कविता ‘दहेज की दुनियां में बुद्धि हेरायल,कहाँ जाइँ केकरा से कहीं दिल के बात’ से दहेज पर तीखा प्रहार किया।

प्रबुद्ध कवि एवं सम्मानित शिक्षक चंदन पाठक की व्यंग्य रचना ‘हम कवि छोटा मोटा रहूं तब न’ का कहना ही क्या। गायक,कवि व शिक्षक सनोज सागर ने ‘इहे मगह तो हेय हिन्द के सरताज बबुआ,पटना गया नवादा नालन्दा औरंगाबाद बबुआ’ के द्वारा मगध क्षेत्र का सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया। इसके साथ ही वरीय कवि एवं साहित्यकार रामकिशोर सिंह और जनार्दन मिश्र जलज ने अपने काव्य पाठ से दर्शकों का मन आकर्षित किया।

कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कवि साहित्यकार एवं उद्घोषक डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र ने हास्य और व्यंग्य रस से दर्शकों को खूब आनंदित कराए। अंत में उपस्थित सभी कवियों को माल्यार्पण, अंगवस्त्र और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया अध्यक्षीय उद्बोधन एवं साहित्य संवाद के सचिव उज्जवल रंजन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

 

Share this Article

You cannot copy content of this page