आज भी प्रासंगिक हैं भगवान बुद्ध के दिए उपदेश और ज्ञान जनेश्वर विकास केंद्र ने बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित की विचार गोष्ठी 

3 Min Read
- विज्ञापन-

भगवान बुद्ध के उपदेश, उनके द्वारा दिया गया ज्ञान और उनका जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक है और मनुष्य चाहे तो उनके वचनों का अनुपालन करते हुए अपने जीवन को उच्च बन सकता है. यह बात वक्ताओं ने गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर जनेश्वर विकास केंद्र एवं साहित्य संवाद संस्थाओं की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित एक विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही.

- Advertisement -
Ad image

ज्योतिर्विद साहित्यकार शिव नारायण सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं जिन्होंने इस कलयुग में लोगों को सम्यक रूप से जीने की राह बताई तथा शांति और दया का उपदेश दिया. यादव कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्होंने जो मूल मंत्र दिया है-

‘अप्पो दीपो भव:’ केवल इसी को ही अपने जीवन में उतारने से आदमी का कल्याण हो सकता है. उन्होंने बुद्ध के उपदेश में शांति और त्याग की महत्ता को रेखांकित किया. प्रधानाध्यापिका सुमन लता ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि हम भगवान बुद्ध का नाम तो जरूर लेते हैं लेकिन उनके आदर्शों को और उपदेशों को अपने जीवन में नहीं उतारते हैं.

- Advertisement -
KhabriChacha.in

अगर हम उनके बताए रास्ते पर जरा भी चले तो मानव का कल्याण संभव है. सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामाधार सिंह ने कहा कि मध्यम मार्ग और सम्यक संकल्प, वचन, कर्म, आजीविका आदि का जो उपदेश भगवान बुद्ध ने दिया था वह आज भी प्रासंगिक है और हमें उस पर चलने की आवश्यकता है.

इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे राम जी सिंह ने कहा कि बौद्ध दर्शन हर युग में लोगों को सही रास्ता दिखाता रहा है. इस कार्यक्रम का संचालन वरीय अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने किया. इस अवसर पर प्रकाशक एवं अधिवक्ता प्रेमेन्द्र कुमार मिश्रा ,चंदन कुमार पाठक, प्रमोद कुमार सिंह, वीरेंद्र प्रसाद सिंह, राजेंद्र सिंह, लालदेव सिंह,

कमलेश कुमार सिंह, सुमन अग्रवाल, वीरेंद्र प्रसाद सिंह, अरुण कुमार सिंह प्रमोद कुमार सिंह, बिनोद मालाकार, सत्येंद्र सिंह , धर्मेन्द्र कुमार सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे. ।वरिष्ठ कवि लवकुश कुमार सिंह तथा हेरम्ब मिश्रा ने इस मौके पर काव्य पाठ किया.अध्यक्षीय भाषण और लालदेव प्रसाद के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

 

Share this Article

You cannot copy content of this page