अब क्लर्क और जूनियर इंजीनियर नही करेंगे औरंगाबाद में स्कूलों का निरीक्षण,शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र को DM ने किया साझा

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औरंगाबाद जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने शनिवार की रात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ के द्वारा जारी पत्र को मीडिया के साथ साझा किया है।

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जिला पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र के अनुसार शिक्षा विभाग के लिपिकीय संवर्ग अथवा किसी कनीय अभियंता को विद्यालय के निरीक्षण कार्य से अभिलंब मुक्त किया जाता है। उनके इस आदेश का बिहार के शिक्षकों के साथ साथ औरंगाबाद के शिक्षको ने भी खुलकर स्वागत किया है।

शिक्षकों ने कहा है कि यह आदेश शिक्षकों को एक बेहद मूर्खतापूर्ण, अपमानजनक और भ्रष्टाचार बढाने वाले कार्य से बचाया है। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों का नियंत्रण प्रधानाध्यापक करते हैं और उनसे पदीय अनुक्रम में काफी नीचे रहने वाले कलर्कों से उनके कार्य की जाँच कराने का आदेश वैसा ही था जैसा कि किसी जिलाधिकारी के कामकाज की जांच प्रखंड स्तर के अधिकारी से कराई जाए।

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इस बीच अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने जिलाधिकारियों को संबोधित अपने पत्र में कहा है कि जिला के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का रोस्टर बनाकर प्रति सप्ताह कम से कम एक बार निरीक्षण कराने हेतु निदेश जारी हैं।उक्त पत्र को आंशिक रूप से संशोधित करते हुये निदेशित किया

जाता है कि शिक्षा विभाग के लिपिकीय संवर्ग अथवा किसी कनीय अभियंता को विद्यालय निरीक्षण के कार्य से अविलम्ब मुक्त किया जाए। सभी जिला पदाधिकारी/उप विकास आयुक्त को अपने जिला में पदस्थापित किसी भी विभाग के पर्यवेक्षकीय संवर्ग के पदाधिकारी को विद्यालयों के निरीक्षण के लिए प्रतिनियुक्त करने हेतु प्राधिकृत किया जाता है।

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