अपराधियों के भय से पलायन किए पाठक परिवार को मगाधांचल समग्र विकास समिति अध्यक्ष ने करवाया घर वापसी

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औरंगाबाद।कुटुंबा थाना क्षेत्र के महाराजगंज गांव से अपराधियों के भय से 16 जनवरी 2024 को परिवार के पांच सदस्यों के साथ पलायन कर गए परिवार को मगधंचल समग्र विकास समिति बिहार के अध्यक्ष डॉक्टर संजय रघुवर ने शुक्रवार की रात उन्हे उनके घर में प्रवेश कराया है।

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श्री रघुवर ने बताया कि पलायन किए परिवार के मुखिया विजय पाठक के घर के मोबाईल पर दो नम्बरों से जान मारने की धमकी मिली और 26 दिसम्बर 2023 की रात्रि 10 बजे के आसपास छत पर चढ़कर कई असामाजिक तत्व घर के दरवाजे को तोडने का प्रयास कर रहे थे। इसकी सूचना श्री पाठक के द्वारा कुटुंबा एवं हरिहरगंज थाना की पुलिस को दी गई और हरिहरगंज पुलिस के समय पर पहुंच जाने से सभी अपराधी भाग खड़े हुए थे।

श्री पाठक द्वारा इसकी जानकारी लिखित रूप में 27 दिसंबर को कुटुंबा थाने को दी। मगर कोई कारवाई नही होने से 16 जनवरी को पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया गया था। मगर प्राथमिकी दर्ज नही हुई और उन्हें अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ पलायन करने को मजबूर होना पड़ा।

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यह खबर मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित भी हुई। मीडिया में खबर के प्रकाशित होने के बाद सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए श्री रघुवर ने इस पर संज्ञान लेते हुए मगध रेंज के आईजी को पत्र लिखा गया था। जिसकी एक प्रति मुख्यमंत्री को भी दिया था। जिसपर मुख्य मंत्री सचिवालय ने अपने पत्रांक 2024003651 दिनांक 24 जनवरी 2024 को पुलिस महानिदेशक, बिहार को निर्देश दिया था। जिसके आलोक में दिनांक 31 जनवरी 2024 को आईजी मगध रेंज से मिला था और करवाई की माँग की थी।

डॉ० संजय रघुवर ने बताया कि पुलिस कारवाई की सूचना नहीं मिली है। डॉ. संजय रघुवर ने बताया कि विगत दिनांक 8 फरवरी को औरंगाबाद जिलाधिकारी को पत्र लिखकर श्री पाठक को सुरक्षित घर में रखवाने का आग्रह किया गया था।

पुनः इस्किनसूचना डीएम एवं एसपी को पत्र के माध्यम से अवगत कराकर डॉ रघुवर ने पत्रकारों एवं अन्य ग्रामीण संजय मेहता, सुरेन्द्र राम, मधीश्वर सिंह, विजय वैध, भीम सिंह, शिव शंकर वैद्य सहित अन्य की उपस्थिति में उनके घर का ताला खुलवाया और प्रवेश कराया। डा. रघुवर ने बताया कि जिले के अधिकारियों द्वारा इस संवेदनशील मामले को गम्भीरता से नही लिया जाना काफी दुभाग्यपूर्ण है।

इस पूरे प्रकरण को राज्य मानवाधिकार आयोग एवं माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा तथा महराजगंज में विधि व्यवस्था पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया जायेगा।

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