स्थानीय प्रतिनिधियों की उपेक्षा से खतरे में धरोहर, संरक्षण के लिए ठोस कदमों की आवश्यकता
संवाददाता नीरज कुमार
औरंगाबाद । शहर के न्यू काज़ी मोहल्ला में स्थित एक ऐतिहासिक कुआं अब धीरे-धीरे विलय की ओर बढ़ रहा है। मुख्य बाजार के समीप स्थित यह कुआं, जहां कभी स्थानीय समुदाय के जीवन का केंद्र हुआ करता था, अब उपेक्षा और अनदेखी के कारण अपनी पहचान खोता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कुआं न केवल जलस्रोत के रूप में महत्वपूर्ण रहा है, बल्कि यह मोहल्ले की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का भी हिस्सा रहा है। इसके बावजूद, बीते कुछ वर्षों में इस धरोहर के संरक्षण को लेकर न तो कोई ठोस प्रयास किए गए हैं और न ही किसी प्रकार की देखरेख सुनिश्चित की गई है।
स्थिति और भी चिंताजनक तब हो गई जब कुएं के ऊपर एक छतनुमा टंकी का निर्माण कर दिया गया। यह टंकी न केवल कुएं की मूल पहचान को ढंक रही है, बल्कि यह ऐतिहासिक संरचना की अखंडता को भी नुकसान पहुँचा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिना किसी योजना और इतिहास की जानकारी के किए गए इस तरह के निर्माण कार्य भविष्य में धरोहरों के पूर्ण विनाश का कारण बन सकते हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को कई बार नगर प्रशासन और संबंधित जनप्रतिनिधियों के सामने उठाया, लेकिन हर बार यह मामला कागज़ों में ही दबकर रह गया। निवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों ने जानबूझकर इस ऐतिहासिक कुएं को भुला देने का प्रयास किया है, ताकि क्षेत्र में नई परियोजनाओं के लिए जगह बनाई जा सके।