औरंगाबाद जिले में सोमवार को समाहरणालय के सभागार में जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में भीषण गर्मी, लू, संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के तहत सभी विभाग
आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि जन-हानि को रोका जा सके।स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी अस्पतालों में ओआरएस घोल, दवाइयाँ, बेड, कूलर, तथा डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। किसी भी लू-पीड़ित मरीज के इलाज में कोई लापरवाही न हो।नगर परिषद/नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारियों को पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर, वाटर एटीएम, तथा पे-आउट की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।पीएचईडी विभाग को सभी खराब चापाकलों की शीघ्र मरम्मति, नल-जल
योजनाओं की मरम्मति, एवं नए चापाकलों की स्थापना पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।पशु एवं मत्स्य विभाग को पशुओं हेतु दवाइयों की उपलब्धता एवं पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि अगर किसी घर में आगजनी की घटना होती है, तो तत्काल मुआवजा भुगतान एवं खाद्य सामग्री की व्यवस्था की जाए।इस बैठक में अपर समाहर्ता आपदा उपेंद्र पंडित, सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंह, सहायक आपदा प्रभारी सुश्री अंतरा कुमारी, डीआरडीए निदेशक
अनुपम कुमार, डीपीओ आईसीडीएस विनीता कुमारी, तथा अन्य विभागीय अधिकारीगण एवं सभी नगर परिषद, प्रखंड और अंचल स्तरीय अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।