औरंगाबाद। बिहटा अरवल औरंगाबाद रेलवे लाइन संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले 43 वर्षों से अधूरे पड़े परियोजना को शीघ्र चालू करवाने को लेकर समिति के अध्यक्ष मनोज सिंह यादव के नेतृत्व में गुरुवार को समाहरणालय के मुख्य द्वारा से तीसरी बार 155 किलोमीटर का पदयात्रा की शुरुआत की गई।
यह पदयात्रा औरंगाबाद, ओबरा, दाउदनगर, अरवल, बिहटा होते हुए 29 नवंबर को हाजीपुर रेलवे महाप्रबंधक के कार्यालय के सामने समाप्त होगी और परियोजना चालू करने की मांग करेगी।पदयात्रा के दौरान अपने संबोधन में समिति के अध्यक्ष मनोज सिंह यादव ने कहा कि वर्ष 1980 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने इस परियोजना का शिलान्यास पालीगंज में किया था लेकिन शिलान्यास के बाद परियोजना पूर्ण कराने को लेकर केंद्र सरकार लगातार उदासीन रही।
लेकिन 9 वर्ष पूर्व समिति के द्वारा लगातार संघर्ष करने का परिणाम यह हुआ कि इसके लिए कई खंड में 87 करोड़ रुपए निर्गत किए गए और 17 अप्रैल 2023 को कार्य का शुभारंभ भी किया गया।मगर 4 हजार करोड़ राशि वाली इस परियोजना के सामने 87 करोड़ ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
लेकिन समिति चुप नहीं बैठने वाली और रेल नही तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर इस बार केंद्र सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी और सरकार से मांग करेगी कि वर्ष 2024 के जनवरी माह में प्रस्तुत होने वाले अंतरिम बजट में परियोजना के लिए पूर्ण राशि की घोषणा नहीं होती है तो काराकाट, औरंगाबाद की जनता से लोकसभा चुनाव में नोटा का विकल्प चुनने की अपील करेगी।