देव राज रियासत का अभिन्न अंग रानी तालाब का अस्तित्व खतरे में चार दिवारी पर उग रहें पीपल और बरगद का पेड़

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शतचंडी यज्ञ 02 जून से प्रारम्भ, प्राशनिक उदासीनता के कारण नहीं हुआ तालाब का सफाई

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औरंगाबाद।सौर तीर्थ देव का मुख्य आकर्षण का केंद्र रानी तालाब प्रशाशनिक उदासीनता के कारण तालाब में पड़ा है गंदगी का अम्बार, चारदिवारी पर भी बरगद और पीपल का पेड़ उग गया है l सरकार का जल जीवन हरियाली देव के लिए हवा हवाई साबित हुई l देव राज विरासत का कुआँ भी हो रहा क्षतिग्रस्त l श्रद्धांलुओं के लिए यहाँ पर अवस्थीत टॉयलेट वाश रुम भी हो गया नाकामयाब l ज्ञात हो की सूर्य नगरी देव में जिला प्रशासन के द्वारा रानी तालाब में

वार्षिक दो बार छठ महापर्व में श्रद्धांलुओं का ठहरने का ब्यवस्था किया जाता है l अचलासप्तमी में यहाँ बिहार सरकार के द्वारा यहाँ भव्य सूर्य महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है l दो वर्ष पूर्व यहाँ सूर्यमहायज्ञ भी सम्पन हुआ था जिसमे स्वामी रामभद्राचार्य आये थे l इसी स्थल में रानी बृजकिशोरी प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय व सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल भी संचालित होता है l देव प्रखंड का थाना भी यहीं पर अवस्थीत है, जिला परिषद का डाक बंगला भी यहीं पर अवस्थीत है l

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देव नगर पंचायत बननें के बाद देव वासियों को बहुत उम्मीद थी की इस ऐतिहासिक रानी तालाब का नियमित साफ सफाई होता रहेगा लेकिन यह संभव नहीं हो पाया l यज्ञ प्रभारी रवि पांडेय, चुन्नू कुमार,रामधारी सिंह, कृष्णा दुबे जी नें बताया की इस तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन यदि लग जाता तो यहाँ का सौन्दरीयकरण में चार चाँद लग जाता l

ज्ञात हो की इसी रानी तालाब पर अवस्थीत शिवालय में माँ काली की प्रतिमा स्थापित होना है और 02 जून से 09 जून तक शतचंडी महायज्ञ होना है l

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