पारंपरिक विवाह गीत प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को किया गया पुरुस्कृत
औरंगाबाद जिले में आदर्श विवाह जागरुकता समारोह का आयोजन अधिवक्ता संघ सभागार में डा सुमन लता की अध्यक्षता में संपन्न हुई । समारोह का उद्घाटन सिन्हा कालेज के प्राचार्य डा सुधीर कुमार मिश्रा, जवाबदेही पत्रिका के संपादक डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा,पंचदेव धाम के संस्थापक अशोक कुमार सिंह, चाणक्य परिषद के अध्यक्ष रामानुज पांडेय, जन विकास परिषद अध्यक्ष प्रो दिनेश प्रसाद, जनेश्वर विकास केन्द्र
अध्यक्ष रामजी सिंह एवं अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय सिंह के कर कमलों द्बारा किया गया । मुख्य अतिथियों का स्वागत माला, अंगवस्त्र और मोमेन्टो देकर बासमती सेवा केन्द्र अध्यक्ष कविता विद्यार्थी, कला कौशल मंच के संयोजक आदित्य श्रीवास्तव एवं जन विकास परिषद उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह एवं अशोक कुमार सिंह,विनय कुमार सिंह ने किया। स्वागत भाषण साहित्य संवाद अध्यक्ष लालदेव प्रसाद ने दिया । तत्पश्चात “दें दिया घर की दीया, फिर भी कहते क्या दिया ” विषय पर संगोष्ठी की शुरुआत की।
विषय प्रवेश कराते हुए कवि लवकुश प्रसाद सिंह अपनी कविता के माध्यम से दहेज के कारण बेटियों की शादी में हो रहे परेशानियों पर हृदय विदारक प्रस्तुति दी । इसके बाद मुख्य वक्ता प्राचार्य डा सुधीर कुमार मिश्रा, डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा,अशोक कुमार सिंह, रामानुज पांडेय , पत्रकार और अधिवक्ता प्रेमेन्द्र कुमार मिश्रा ने बेटियों की प्रशंसा करते हुए कहा की दहेज रुपी दानव से बचाने हेतु बेटियों को सशक्त बनाने की जरूरत है । आज दिखावे की भावना से किये जा रहे ताम-झाम के कारण भी दहेज बेतहाशा बढ़ रहा है।
दहेज के कारण बेटियों प्रताड़ित हो रहीं हैं और वे जलने मरने पर मजबुर हो रहीं हैं । इसके लिए जरूरी है कि जागरूकता कार्यक्रम गांव स्तर पर चलाया जाये। जनेश्वर विकास केंद्र के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि दहेज के कारण ही आज लिंगानुपात में भारी विषमता आ गयी है। आज एक हजार पुरुष पर मात्र नौ सौ तेतालीस महिलाएं हैं। इससे भविष्य के लिए प्रबल आशंका बलवती होते जा रही है कि बेटियां रहेंगी ही नहीं तो बेटों की शादी कैसे होगी।
इस हालत में बेटों की जगह बेटियों को ही दहेज देना नहीं पड़े। इसके पहले बेटों को होशियार हो जाना चाहिए और दहेज का विरोध करना चाहिए । धन्यवाद ज्ञापन कला कौशल के संयोजक और कार्यक्रम संयोजक आदित्य श्रीवास्तव ने किया। समारोह में उच्च न्यायालय पटना के अधिवक्ता सुमन सौरभ मधु कुमार, राजेंद्र सिंह, सुजीत सिंह, सौरभ कुमार, आनंद कुमार, सुरेंद्र सिंह , सिंहेश्वर सिंह, अधिवक्ता अजीत सिंह, मधुरेन्द्र सिंह शिवम् कुमार , सुमन सुरभि, वीरेंद्र गुप्ता, उपेंद्र यादव, रत्नेश सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
सम्मानित किया गया दहेज रहित और बिना ताम-झाम के शादी करने वाले जोड़ों को सम्मानित किया गया जिसमें दीपक गुप्ता (देव), धनंजय कुमार सिंह (बारा),राजु कुमार सिंह एवं संजु सिंह (परसा) एवं कु अनुभव एवं अंशु माला के बदले मीरा गुप्ता,, शामिल रहे। साथ ही महोत्सव
परिवार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया जिसमें विनय कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, ललन सिंह, अशोक कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, उज्जवल रंजन, हेरम्ब मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, ज्योतिष विद ओमप्रकाश पाठक,जनेश्वर यादव, डा महेंद्र, मंजू सिंह, सुनीता देवी, शोभा देवी आदि मौजूद थे
पुरुस्कृत किये गये पारंपरिक विवाह गीत प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों में वीणा स्वराज,सनोज सागर,मुकेश चौबे धर्मेन्द्र यादव,पिंटू राम पुरुस्कृत किये गये।