दिवंगत जनेश्वर सिंह के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा आयोजन स्पष्टवादी व सामाजिक थे जनेश्वर बाबू,कुमार वीरेंद्र 

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औरंगाबाद।स्थानीय अधिवक्ता संघ भवन में जनेश्वर विकास केंद्र ,साहित्य संवाद एवं महोत्सव परिवार के संयुक्त तत्वावधान में चैनपुर ,देव निवासी पुण्यश्लोक जनेश्वर सिंह के आकस्मिक निधन के आलोक में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्री राम जी सिंह और संचालन विद्वान शिक्षक एवं कवि डॉ हेरंब कुमार मिश्र ने किया ।

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बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ कुमार वीरेंद्र की गरिमामयी उपस्थिति बनी रही।

सर्वप्रथम स्व. सिंह के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात स्वर्गीय जनेश्वर सिंह के ज्येष्ठ पुत्र ,बरीय अधिवक्ता एवं महोत्सव पुरुष के नाम से जाने जाने वाले सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने अपने पिता के सामाजिक जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनके पिता अपने लिए नहीं बल्कि समाज की भलाई के लिए हमेशा चिंतन किया करते थे।

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श्रद्धांजलि की शुरुआत करते हुए विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि जनेश्वर बाबू एक समाजसेवी थे ।समाज की बेहतरी के लिए उन्होंने अपने जीवन को खपाया है ।आज उसी की परिणिति है कि इस नगर के सभी संभ्रांत जनों की यहां उपस्थिति बनी हुई है।

अपनी बातों को रखते हुए प्रो रामाधार सिंह, प्रो शिवपूजन सिंह एवं शिवनारायण सिंह ने कहा कि व्यक्ति मर जाता है ,उसकी काया नष्ट हो जाती है पर उसकी यश-: काया हमेशा बरकरार रहती है । सभा को गति प्रदान करते हुए डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि व्यक्ति की आत्मा ही संतान का स्वरूप ग्रहण करती है।

विष्णु सूत्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे वृक्ष लगता है ,उसे अगले जन्म में अच्छी संतान की प्राप्ति होती है । सिद्धेश्वर विद्यार्थी जैसा सुपुत्र की प्राप्ति जनेश्वर बाबू के कृतकर्मो का प्रभाव है। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डॉ कुमार वीरेंद्र ने कहा कि जनेश्वर बाबू स्पष्टवादी और सामाजिक सरोकार रखने वाले व्यक्ति थे।

वे भले ही अकूत धन नहीं कमाया हो परंतु उन्होंने मानव धन गढा है और उसी की परिणिति है कि आज उनके पुत्र विद्यार्थी जी इस जिले में जन- जुडाव के प्रतीक बन गए हैं ।विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ,महोत्सवों एवं अन्य क्रियाशीलनों के माध्यम से सामाजिक परिष्कार के लिए सतत प्रयास , उनके पिता द्वारा प्राप्त संस्कारों का प्रतिफलन है ‌।

इस अवसर पर और जिन लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए अपनी बातें रखीं, उनमें अधिवक्ता प्रेमेन्द्र कुमार मिश्रा,विधि संघ के सचिव जग नारायण यादव ,प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह ,प्रो अनील सिंह,शिक्षक उज्जवल रंजन, चंदन कुमार , पूर्व पुलिस पदाधिकारी मुरलीधर पांयडे एवं सिंहेश्वर सिंह,कवि द्वय राम किशोर सिंह व लवकुश प्रसाद सिंह, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, सरपंच संघ के प्रांतीय अधिकारी रवीन्द्र कुमार सिंह ,ओम प्रकाश पाठक ,डॉ सुमन लता ,सुमन अग्रवाल , कमलेश कुमार सिंह,अधिवक्ता अनिल कुमार

सिंह, प्रधानाध्यापक श्रीधर सिंह, सतखंडी महोत्सव के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह , जन विकास परिषद के पूर्व सचिव रामचंद्र सिंह, पत्रकार राजेन्द्र पाठक, प्रमोद कुमार सिंह इंजीनियरिंग विंग के संयोजक धीरेन्द्र सिंह, वेदप्रकाश तिवारी, विरेन्द्र कुमार विरेन्द्र प्रसाद, शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार सिंह, संकट मोचन मंदिर शिवगंज सचिव गोकुल सिंह,सहित नगर के सभी संभ्रांत नागरिक उपस्थित थे ।

इस अवसर पर लालदेव प्रसाद की सासू मां एवं अरुण कुमार सिंह की माता श्री के असामयिक अवसान होने के करण उन दिवंगत आत्माओं के प्रति भी श्रद्धांजलि दी गई। साहित्य संवाद के श्री लालदेव प्रसाद ने आगत सज्जनों के प्रति आभार व्यक्त किये।

और अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिव्यात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

और इसी के साथ श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई

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