औरंगाबाद।गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ की मान्यता देने की प्रधानमंत्री से की गयी मांग गीता जयंती में वक्ताओं ने गीता को सनातन धर्म का आचार संहिता बताया।उक्त मांग गजना धाम न्यास समिति के तत्वाधान में आयोजित गीता जयंती समारोह में वक्ताओं ने की । समारोह 20 दिसंबर को धाम के अध्यक्ष महंत अवध बिहारी दास की
अध्यक्षता में सम्पन्न हुई । न्यास समिति के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया की गीता सप्ताह के पाक्षिक कार्यक्रम के तहत आज यहां गीता जयंती आयोजित की गयी । इसका उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर और गीता ग्रंथ पर पुष्पांजलि कर मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया । इसके बाद न्यास समिति के सदस्य कर्मदेव राम, अरुण मेहता, अरुण कुमार सिंह, मिथलेश चन्द्रवंशी , विन्धायल सिंह ने
अतिथियों को माला अंगवस्त्र और गीता ग्रंथ देकर सम्मानित किया । स्वागत भाषण न्यास समिति के वरीय सदस्य और कार्यक्रम संयोजक भृगुनाथ सिंह ने दिया । तत्पश्चात वर्तमान में गीता ग्रंथ की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी की शुरुआत हुई । इसमें मुख्य अतिथि रफीगंज के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ,प्रो दिनेश प्रसाद, जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय अध्यक्ष रामजी सिंह, औरंगाबाद
साहित्य संवाद अध्यक्ष लालदेव प्रसाद, सत्यचंडी न्यास समिति के वरीय सदस्य युगल सिंह , वीरेंद्र सिंह, पूर्व मुखिया रामप्रवेश सिंह डा रामरेश यादव ने बताया कि गीता सनातन धर्म का आचार संहिता है । इसमें सभी शंकाओं का समाधान उपलब्ध है । इसलिए सभी सनातनी को गीता रखना चाहिए तथा इसमें बतायीं गयी बातों का अनुशरण करना चाहिए । विशिष्ट अतिथि श्याम बिहारी सिंह , संतन
सिंह, शंकर प्रसाद , मुखिया आमोद चन्द्रवंशी, बड़का बाबू ने बताया कि गीता की प्रासंगिकता अभी और बढ़ गई है तथा इसकी उपयोगिता पूरी दुनिया समझने लगी है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्बारा विदेशी मेहमानों को गीता देकर सम्मानित करते हैं जो गीता के महत्व को दर्शाता है ।अंत में सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने एक प्रस्ताव रखते
हुए प्रधानमंत्री से गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ की मान्यता देने की मांग की जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। समारोह में शामिल सभी को गीता ग्रंथ देकर सम्मानित किया गया । समारोह मे गुप्तेश्वर सिंह, विजय कुमार सिंह, पूर्व मुखिया अभय कुमार सिंह, अनील कुमार सिंह, अखिलेश मेहता, रामराज पासवान, जयराम सिंह, नंदा सिंह सीता राम मिस्त्री शामिल थे