जीवन और मौत की लड़ाई में जिंदगी के जंग हार गए समाजसेवी अंजनी कुमार पसरा मातमी सन्नाटा

2 Min Read
- विज्ञापन-

दो माह तक मौत को मात देने का किया हर संभव प्रयास पर होनी को कुछ और ही था मंजूर 

- Advertisement -
Ad image

                       राजेश मिश्रा 

औरंगाबाद।दो महीने से जीवन मौत से जूझ रहे बरौली के अंजनी कुमार की हुई मौत बॉडी में नर्वस सिस्टम के डाउन होने से पिछले दो महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे जिले के बारुण प्रखंड अंतर्गत बरौली निवासी रामनाथ सिंह के एकलौते 32 वर्षीय पुत्र अंजनी कुमार की मौत हो गई।

- Advertisement -
KhabriChacha.in

जिले में सामाजिक कार्यों एवं लोगों की सेवा में लगातार बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले अंजनी की मौत पर जिले के समाजसेवियों में दुख की लहर दौड़ गई और सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त की जा रही है गौरतलब हो कि अंजनी कुमार को बचाने के लिए जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इनके इलाज में हो रहे खर्च को लेकर मदद के लिए कैंपेन चलाई गई थी

और लोगों ने हर तरह से सहयोग भी प्रदान किया था मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका।शायद होनी को कुछ और भी मंजूर था अंजनी की मौत के बाद उनके परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है और परिवार वालों को रो रोकर बुरा हाल है।

अंजनी अपने माता पिता के इकलौते पुत्र थे वही अंजनी के दो पुत्र और एक पुत्री है जो अभी छोटे है।अंजनी लगातार सामाजिक कार्यों शामिल होकर अपनी भागीदारी बखूबी निभाते थे।उनका असमय चले जाना सामाजिक गतिविधियों के लिए जिले के लिए अपूर्णीय क्षति है

Share this Article

You cannot copy content of this page