कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर देशभक्ति गीतों की धून देशभक्ति नारा के साथ  शहर मुख्य मार्गों से निकली रैली 

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कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा औरंगाबाद की ओर से जिला मुख्यालय औरंगाबाद स्थित धर्मशाला मोड़ से मशाल जुलूस निकाली गई। रैली में देशभक्ति गीतों की धून देशभक्ति नारा के साथ रैली शहर मुख्य मार्गों से निकली इस दौरान युवा हाथों में तिरंगा लिए साथ चले। रैली का समापन कारगिल शहीद शिव शंकर गुप्ता जी के स्मारक पहुंचकर मलयार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर हुआ।

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शहीद शिव शंकर गुप्ता जी के छोटे भाई का कहना है कि मेरा भाई 1999 में ऑपरेशन विजय में शहीद हुए थे लेकिन मुझे गर्व है की मैं शहीद का भाई हूं,मैं मेरे बेटे को भी यह शिक्षा देता हूं की देश सेवा सबसे पहले है। कारगिल विजय दिवस पर तिरंगा रैली सभी को निकालनी चाहिए। यह हमारे भारत का महत्त्वपूर्ण दिन है। इस दिन लोगों में जोश और जज्बा अंदर से होना चाहिए।

इस मौके पे सह क्षेत्रीय प्रभारी धनराज शर्मा ने कहा की सेना के चलते हम सुरक्षित है उनके चलते हैं हम अपने घर में आराम से रह रहे हैं शाहिद के परिजनों के साथ पूरा देश है। वे देश के लिए शहीद हुए है।

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इस मौके पर विभीन्न वक्ताओं ने कहा कि

कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60

दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का

वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम “ऑपरेशन बद्र” रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना

को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे।

इस मौके पर भाजपा क्षेत्रीय सह प्रभारी धनराज शर्मा , जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा , रेडक्रॉस चेयरमैन सतीश सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष उदय गुप्ता , रेड क्रॉस सचिव दीपक कुमार , युवा मोर्चा क्षेत्रीय प्रभारी सुमित बिट्टू जी , महिला मोर्चा अध्यक्ष अनिता सिंह obc मोर्चा अध्यक्ष विनोद चन्द्रवंशी , नगर अध्यक्ष कौशल पिंटू ,कारगिल स्मारक के संरक्षक शिव गुप्ता , अध्यक्ष पिंटू गुप्ता एवं भाजपा के सैकड़ो कार्यकर्ता एवं देशभक्त

उपस्थित रहे

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