औरंगाबाद। सूबे के एससी एसटी कल्याण मंत्री मंगलवार की शाम औरंगाबाद पहुंचे जहां उन्होंने नबीनगर प्रखंड के माली थाना क्षेत्र के एक गांव में एक दलित बेटी की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या पर परिजनों से मिले और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। इसके बाद मंत्री शहर के दानी बिगहा स्थित अतिथिगृह में प्रेसवार्ता की और उक्त मामले में उन्होंने सरकार के पक्ष को रखा और एससी एसटी के कल्याणार्थ देश भर चलाई जा रही योजनाओं को विस्तार से रखा।
वही पत्रकारों ने जब तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान कि बिहार का इंफ्रास्ट्रक्चर पंक्चर हो चुका है उस पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर करारा प्रहार किया। मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव को जनता को यह बताना चाहिए कि दस वर्ष मनमोहन सिंह वाली सरकार में बिहार को कितनी योजनाएं दी गई।घोषणा 250 योजनाओं की हुई मगर धरातल पर मात्र 50 से 100 तक पहुंची।
उन्हें आंकड़ा उठाकर देखना चाहिए कि एनडीए की सरकार ने दस वर्ष में ढाई हजार योजनाओ का न सिर्फ शिलान्यास किया। बल्कि उसका उद्घाटन किया। मंत्री ने लालू राबड़ी के 15 वर्ष के आतंक वाले राज से भी पत्रकारों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उस वक्त के कुछ विधायक होंगे जो जानते होंगे कि लालू राबड़ी शासनकाल में कौन सा उद्योग शुरू हुआ था।
उन्होंने कहा कि मैं उत्तर बिहार का रहने वाला हूं और जंगल राज की शुरुआत उत्तर बिहार से ही हुई। उस वक्त गुंडा, गंडक और गन्ना मशहूर था। तेजस्वी जी को यह बताना चाहिए कि माता पिता वाली सरकार में आईएएस की पत्नी का बलात्कार हुआ था और जब इसकी शिकायत लालू जी के पास गई तो लालू जी ने कहा था कि ऐसी छोटी छोटी घटनाएं होते रहती है।
उनके ही राज्य में एक दलित डीएम की हत्या हुई थी। उनके राज में डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस और आम आदमी सुरक्षित नहीं थे। कही भी कोई बड़ा अपराध या बड़ी गाड़ियों की चोरी होती थी तो उसके अपराधी और गाड़ियां मुख्यमंत्री आवास में मिलते थे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर कौन सा ऐसा लालू जी ने जुर्म किया कि कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। तेजस्वी जी को यह भी राज्य की जनता को बताना चाहिए। ये सिर्फ जनता को झांसे में रखकर सत्ता हासिल करने की कोशिश में है मगर जनता उनके मंसूबों पर पानी फेर देगी।