मां गजानन माता मंदिर न्यास समिति की ओर से नूतन वर्ष संवत 2081के वर्ष प्रतिपदा का स्वागत समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन गजना धाम परिसर में महंत अवध बिहारी दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई । न्यास समिति के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया ने बताया की हिंदी वर्ष का पहला दिन वर्ष प्रतिपदा के स्वागत समारोह की शूरुआत एक दूसरे को चंदन लगाकर और शुभकामनाएं देकर किया गया।
तत्पश्चात वर्ष प्रतिपदा के महत्व पर संगोष्ठी आयोजित किया गया। इसपर ज्योतिष विद शिवनारायण , डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा, डा रामाधार सिंह, कवि लवकुश प्रसाद सिंह, लालदेव प्रसाद, डा रामरेश यादव, कैप्टन संजय कुमार सिंह, रामप्रवेश सिंह ने हिन्दू धर्म को दूनियां का सबसे प्राचीन और मूल धर्म बताया ।
सनातन धर्मावलंबियों में वर्तमान समय में विक्रम संवत काप्रयोग किया जा रहा है। विक्रम संवत को सबसे अधिक महत्व दिया जा रहा है। इसकेअनुसार आज ही के दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का शुभारंभ किया था ।आज ही के दिन राजा युधिष्ठिर को राजाभिषेक प्रदान किया गया था ।
यह पंचांग आम जनों के दैनिक कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी और मार्गदर्शन करने वाला होता है। जिसमें सभी प्रकार के व्रत त्यौहार कृषि आदि व्यवसाय आदि कृषि व्यवसाय तथा मुहूर्त आदि सारी बातों की चर्चा रहती है । यह आम जनहित का जीवन संचालित होता रहता है ।विक्रम संवत न्यायप्रिय राजा विक्रमादित्य ने इसकी शुरुआत किया था ।
मुखिया आमोद चन्द्रवंशी, पूर्व मुखिया संजय सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार रजक, भुनेस सिंह पुनपुन महोत्सव सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि त आज से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होता है जो सबके प्रिय होता है।
अंत में सभी आगत अतिथियों के बीच बीच रामचरितमानस का सुंदरकांड वितरित कर स्वागत किया गया। समारोह मे आये अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक भृगु नाथ सिंह ने किया। समारोह में करेश पासवान , दुग्धेश्वर मेहता, अरुण मेहता, अरुण सिंह, मिथिलेश चंद्रवंशी, कर्मदेव रजवार, अनील सिंह, आदि लोग थे ।