पारा चढ़ते ही पानी के लिए मचा हाहाकार, खाली बर्तन लेकर यहां-बहां भटक रहे ग्रामीण

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औरंगाबाद। ज़िले में जैसे-जैसे गर्मी अपना तेवर दिखा रहा है, वैसे-वैसे जलसंकट बढ़ता जा रहा है। लोग बूंद- बूंद को तरस रहे है। ऐसे में लोग पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे है। ऐसा ही एक मामला मदनपुर प्रखंड अंतर्गत दर्जनों गांवों का मामला सामने आया है। जहां प्रखंड क्षेत्र के दक्षिणी उमगा पंचायत के अमावार, बादाम, चिलमी, सहजपुर, कनौदी, वकीजगंज, पिछुलियां, सिजुआही, शिवनगर, रतनुआ सहित दर्जनों गांव शामिल है। प्रखंड का यह अत्यंत पिछड़ा इलाका माना जाता है।

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ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से इलाके में लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। जबकि जलसंकट को लेकर ग्रामीणों की दिनचर्या गड़बड़ा गया है। सुबह उठते ही पानी की चिंता सताने लगती है, जलस्तर कम होने से चापाकल एवं कुंए भी सूख गए हैं।

ग्रामीणों के मुताबिक गांव से एक से दो किलोमीटर दूर से पानी भरने लोग मजबूर हैं। इस दौरान सिला देवी, फुलवा देवी, सबिता देवी, मानो देवी, क्रांति देवी, सरिता देवी का कहना है कि भीषण गर्मी में दोहरी परीक्षा हो रही है। पानी का इंतजाम करें या खाना बनाएं या बच्चों की देखरेख करें। उनका कहना है कि हैंडपंप दो किलोमीटर दूर है। इस मौके पर पंचायत समिति प्रतिनिधि विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने ज़िला प्रशासन से पेयजल की समस्या दूर करने की मांग की हैं।

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साथ ही कहा कि यदि इस पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जल्द पहल नहीं की जाएंगी तो साइको ग्रामीणों क साथ सैकड़ो ग्रामीणों के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान संजय सिंह भोक्ता, प्रदीप सिंह भोक्ता, अमित कुमार एवं नीरज शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।

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