औरंगाबाद। सदर अस्पताल का बच्चा वार्ड चिकित्सकों की उदासीनता को लेकर बराबर सुर्खियों में रहता है। सोमवार की रात को भी चिकित्सक के द्वारा समय से पूर्व घर चले जाने के कारण शहर के तेंदुआ गांव से अपने बच्चे को इलाज के लिए लेकर आए परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अपने दस वर्षीय बच्चे का इलाज करने आई रिंकू देवी ने बताया कि उसके पुत्र को उल्टी एवं दस्त होने से तबियत खराब हो गई थी। जब वह इलाज के लिए आई तो बच्चा वार्ड में चिकित्सक के नहीं होने के कारण इमरजेंसी वार्ड गई। लेकिन वहां भी चिकित्सक ने बच्चे को नहीं देखा और बच्चा वार्ड भेज दिया। इधर उधर डॉक्टर भेजते रहे लेकिन इलाज नहीं किया।
जब अपने ड्यूटी के अनुसार डॉक्टर अनूप कुमार सिन्हा अस्पताल पहुंचे तब बच्चे को देखा और उसका इलाज किया। लेकिन उसके पूर्व महिला ने कई अस्पताल कर्मियों को फटकार लगाई और सदर अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था पर कई सवाल खड़ा कर दिया। पता चला कि जिस वक्त महिला अपने बच्चे को इलाज के लिए लेकर आई थी उस वक्त ड्यूटी डॉक्टर फराह मुमताज की थी लेकिन वह समय से पूर्व ही चली गई थी।