सदर अस्पताल में मातृ मृत्यु की रोकथाम विषयक पर कार्यशाला का किया गया आयोजन 

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सदर अस्पताल, औरंगाबाद स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में प्रसव पश्चात रक्तस्राव से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन पटना ऑब्स्ट्रेटरीक एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति, औरंगाबाद द्वारा किया गया.

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कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार, डीपीएम डॉ. अनवर आलम एवं ख्यात स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ एवं ऑब्स्ट्रेटरीक एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी (फोग्सी) के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अलका पांडे द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया.

कार्यशाला में विधिवत प्रशिक्षण देने का कार्य फोग्सी की वाईस प्रेसिडेंट ने किया जबकि प्रतिभागी के रूप में जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत विभिन्न चिकित्सा पदाधिकारी, स्टाफ नर्स एवं एएनएम आदि रहे. डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी के द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया गया.

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डीपीएम मो. अनवर आलम द्वारा उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया गया कि मातृ मृत्यु में कमी लाने के उद्देश्य से पटना ऑब्स्ट्रेटरीक एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी, बिहार, एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के बीच आपसी समन्वय के आधार पर प्रसव पश्चात् रक्तस्त्राव के प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है.

इस क्रम में आज सदर अस्पताल औरंगाबाद में उच्च आयोजन कराया गया. के दौरान प्रसव के दौरान होने वाले रक्त स्राव, कारण, पहचान एवं निदान विषय पर विस्तृत चर्चा के साथ- साथ की गई. साथ ही बताया कि पीपीएच यानी प्रसव पश्चात् रक्तस्त्राव प्रसव के क्रम में या बाद में होने वाली प्रमुख समस्या है जो मातृ मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है. इस अवस्था में अत्यधिक खून बह जाने से प्रसूति की मौत हो जाती है.

सर्वे के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान मातृ मृत्यु दर एक सौ अठारह है अर्थात एक लाख प्रसव में से प्रसूता की मौत हो जाती है. प्रसव पश्चात रक्तस्राव किस गर्भवती को रक्तस्त्राव होगा यह पहले पता नहीं चलता है. इसलिए सरकार संस्थागत प्रसव कराने पर जोर दे रही है. संस्थागत प्रसव के क्रम में चिकित्सकों एवं कर्मियों के द्वारा प्रसव पश्चात रक्तस्राव का प्रबंधन किया जा सकता है. प्रसव काल की इस जटिलता के प्रबंधन हेतु न सिर्फ सरकार बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं.

जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा इस क्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इस विषय पर व्यापक पहल किए जा रहे हैं. इस तरह का प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित कर चिकित्सकों एवं कर्मियों के क्षमता वर्धन की दिशा में कार्य हो रहे हैं.

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों के साथ-साथ सदर अस्पताल की वरीय महिला चिकित्सक डॉ. लालसा सिन्हा, डॉ. ऋचा चौधरी, डॉ. रश्मि सिंह, डॉ. शबनम बानो, अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन, डेवलपमेंट पार्टनर पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार, सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन आशुतोष कुमार, कामाख्या नारायण शुक्ला एवं अन्यान्य स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।

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