शहीद जगतपति के भांजे प्रेमशंकर सिन्हा के निधन से शोक की लहर

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औरंगाबाद। शहर के कर्मा रोड स्थित सर्वोदय नगर निवासी और 1942 के अगस्त क्रांति के महानायक शहीद जगतपति कुमार के सगे भांजे प्रेमशंकर सिन्हा का निधन मंगलवार को अपने आवास पर हो गया। वे करीब 95 वर्ष के थे और बीते काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से शुभचिंतकों में शोक की लहर है। प्रेम शंकर सिन्हा के छोटे मामा शहीद जगतपति कुमार और बड़े मामा स्व सरयू प्रसाद असम, राजस्थान और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।

प्रेमशंकर सिन्हा ने बचपन काफी समय शहीद जगतपति के साथ गुजारा था । वे मूलतः नवीनगर प्रखंड के सोरी गांव के रहने वाले थे। उन्होंने 1990 में गढ़वा से सहकारिता विभाग के सहायक निबंधक पद से अवकाश ग्रहण किया था।

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इनका अंतिम संस्कार अदरी नदी के किनारे बने घाट पर बुधवार को किया गया तथा मुखाग्नि बड़े लड़के अमन कुमार सिन्हा ने दी। ये अपने तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े थे। ये अपने पीछे चार लड़के, दो लड़की के अलावा दर्जनों पोता–पोती तथा नाती–नतिनी से भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। इसमें अनेक बैंककर्मी, डाक्टर, इंजीनियर और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे रहे हैं।

श्री सिन्हा कुशल व्यवहार वाले धार्मिक और सामाजिक व्यक्ति थे। इनके निधन से सभी दुखी हैं और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस ने भी प्रेमशंकर सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

समिति के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर, प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार सिन्हा, कला – संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी प्रेम कुमार, अजय कुमार संतोष, अजय कुमार श्रीवास्तव, श्रीराम अंबष्ट, अजय वर्मा, उदय कुमार सिन्हा, महेंद्र प्रसाद, मधुसूदन प्रसाद, राजेश सिन्हा, राजू रंजन सिन्हा, गणेश प्रसाद उर्फ लाल बाबू, सूर्यकांत, दीपक बलजोरी, सुनील सिन्हा, अभय सिन्हा आदि ने कहा है कि यह जिले के लिए एक अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है। सभी ने पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की।

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