औरंगाबाद। खेल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार कृतसंकल्पित है और यही कारण है कि खेल में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सीधे सब इंस्पेक्टर की नौकरी देती है। ताकि युवा खेल के माध्यम से न सिर्फ अपने राज्य और देश का नाम रौशन करें बल्कि अपनी आर्थिक उन्नति कर परिवार का निर्वहन करें।
यह बात बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बुधवार के अपराहन चार बजे शहर के गेट स्कूल मैदान में आयोजित जिला क्रिकेट लीग के उद्घाटन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को सामने ला रही है। उन्होंने हाल ही में राजगीर में संपन्न एशिया कप हॉकी चैंपियनशिप की चर्चा की और कहा कि इस आयोजन पर दुनिया की नजर टिकी हुई थी और बिहार ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि अंतराष्ट्रीय आयोजन करने में बिहार पीछे नहीं है। खेल के उत्थान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हर पंचायत में खेल क्लब और स्टेडियम बना रही है।
यदि जिस पंचायत में स्टेडियम नहीं है तो वहां जमीन भी उपलब्ध करा रही है ताकि ग्रामीण प्रतिभा उभरे और बिहार का नाम रौशन करे। मंत्री ने श्रम विभाग के द्वारा मजदूरों के हित के लिए चलाई जा रही योजना का जिक्र किया और कहा कि सरकार मजदूरों के कल्याणार्थ 16 योजनाएं चला रही है। जिसमें एक महत्वपूर्ण योजना मातृत्व योजना हैं।
इस योजना के तहत रजिस्टर्ड महिला श्रमिकों को मातृत्व लाभ की सुविधा, बच्चे की पढ़ाई के लिए छात्रवृति, बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रुपए की सहायता दी जा रही हैं। इतना ही नहीं यदि राज्य में किसी भी श्रमिक की दुर्घटना से मौत होती है तो उनके आश्रितों को चार लाख, राज्य से बाहर के मामले में दो लाख रुपए प्रदान कर रही हैं। यदि रजिस्टर्ड श्रमिक नहीं भी हैं तो उनके भी आश्रितों को एक लाख रुपए देती है।
मंत्री ने लीग के आयोजनकर्ताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए उत्साहवर्धन किया। मंत्री ने कहा कि अब उस कहावत के दिन लद गए जब लोग कहा करते थे कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब।