दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी का फुलप्रूफ प्लान,पूजा समितियों को भी दिए गए कई निर्देश

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औरंगाबाद। समाहरणालय परिसर स्थित जिला योजना भवन के सभा कक्ष में अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत की अध्यक्षता में दशहरा पर्व 2023 को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने को लेकर अनुमंडल स्तर पर मंगलवार को शांति समिति की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सदर अनुमंडल के सभी अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थानाध्यक्ष के अतिरिक्त सभी प्रखंडों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी श्री विजयंत ने दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में कैसे संपन्न हो इसको लेकर उपस्थित लोगों से विचार एवं सुझाव तथा पूजा में बाधक बनने वाली स्थानीय समस्याएं बताने का अनुरोध किया।

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अनुमंडल पदाधिकारी सदर द्वारा मांगे गए सुझाव पर बैठक में उपस्थित सरस्वती आराध्य समिति के अध्यक्ष पंकज वर्मा द्वारा दुर्गा पूजा के प्रारंभ होने से लेकर विसर्जन होने तक की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को कलश स्थापना होगी तथा 21 अक्टूबर को मां दुर्गा एवं मां काली की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भीड़ नियंत्रण हेतु सप्तमी से नवमी तक रमेश चौक से नगर थाना तक तथा अष्टमी एवं नवमी को धर्मशाला मोड़ से शाहपुर टिकरी मोड तक चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों का परिचालन पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

उनके द्वारा औरंगाबाद शहर में दुर्गा पूजा एवं रावण का पुतला दहन शांतिपूर्ण होने का आश्वासन दिया गया तथा प्रशासन से सहयोग देने का अनुरोध किया गया। बैठक में जम्होर के पप्पू ज्वाला सिंह, रफीगंज के रविंद्र कुमार सिंह एवं नुरुल होदा, उमगा पंचायत के रमेश सिंह, पौथू के रामप्रवेश चंद्रवंशी कुटुंबा के अकबर अली, शिवराज शर्मा, टंडवा बाजार के मुन्ना सिंह, चंदन कुमार, बसडीहा के दीपक तिवारी, मदनपुर के पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रफुल्ल सिंह, नरारी कला के संतोष कुमार, ढिबरा थाना के जमाल अख्तर, रफीगंज के ओबैदुल खां, मंटू सिंह, सीरीस के सुनील कुमार गुप्ता, हैबसपुर के अमन यादव, महुआंवा बड़ेम के सुदामा सिंह, औरंगाबाद नगर परिषद के खुर्शीद आलम, पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद प्रतिनिधि शिव गुप्ता, नगर पार्षद सिकंदर हयात ने भी अपने अपने सुझाव एवं समस्या का जिक्र किया।

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सभी व्यक्तियों द्वारा मुख्य रूप से भीड़ की समस्या जाम की समस्या, रास्ते में गड्ढे एवं कीचड़, सड़क पर पानी का बहाव एवं अतिक्रमण हटाने का उल्लेख किया गया। सभी आगंतुकों के द्वारा समस्या बताए जाने पर उसके समाधान हेतु सभी संबंधित प्रखंड पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थानाध्यक्ष एवं संबंधित नगर परिषद, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता एवं अग्निशमन पदाधिकारी को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा विभिन्न दुर्गा पूजा समिति से आए प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया कि पूजा पंडाल में विद्युत का अस्थाई कनेक्शन लेना अनिवार्य है।

पंडाल का निर्माण अग्निरोधक कपड़ा, अल्युमिनियम का घोल का छिड़काव करते हुए लगाने, पूजा पंडाल के पास महिला एवं पुरुष के लिए आने-जाने का द्वार अलग-अलग करने, पर्याप्त संख्या में वालंटियर रखने एवं सभी वालंटियर को रोस्टर के अनुसार 24×7 ड्यूटी लगाने एवं उनका पहचान पत्र देने, प्रतिमा स्थल पर आवागमन का उचित प्रबंध करने, पंडाल में अस्थाई सीसीटीवी कैमरा लगाने, पंडाल में खुले तार का उपयोग कदापि नहीं करने का निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अग्निशमन पदाधिकारी एवं उपस्थित विद्युत विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनापत्ति प्रमाण पत्र भेजने में सभी बिंदुओं पर जांच कर तुरंत कार्रवाई करेंगे।

विभिन्न समिति के उपस्थित सभी सदस्यों को यह भी निर्देश दिया गया की दुर्गा पूजा के अवसर पर डीजे का उपयोग नहीं करेंगे तथा ध्वनि विस्तार केंद्र का उपयोग मधुर आवाज तथा मानक सीमा के तहत करेंगे। साथ ही साथ पूजा के दौरान फूहड़ गाने का प्रयोग वर्जित रहेगा। सभी थानाध्यक्षों को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि अपने-अपने थानास्तर के डीजे संचालकों का बैठक कर यह घोषणा पत्र भरवा लेंगे कि वे अपने डीजे का उपयोग कदापि नहीं करेंगे।

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