औरंगाबाद।जिले के मदनपुर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय सलैया में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत बच्चों को शीतलहर से होने वाले खतरों एवं उससे बचने के उपाय पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रधानाध्यापक सह फोकल शिक्षक राजकुमार प्रसाद गुप्ता ने उपस्थित बाल प्रेरकों एवं बच्चों को बताया की जाड़े के दिनों में चलने वाली तेज ठंडी हवाओं को शीतलहर कहते हैं।
हमे इससे बचना चाहिए। बिहार में ठंड के मौसम में समान्यता दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से जनवरी माह के तीसरे सप्ताह तक शीत लहर का प्रकोप रहता है। यदि तापमान 7 डिग्री से कम हो जाय तो इसे शीतलहर की स्थिति माना जाता है। शीतलहर से मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए शीतलहर के प्रकोप से सभी को बचना चाहिए।
यदि किसी को ठंड लग जाती है तो कई लक्षण जैसे शरीर का ठंडा होना, अंगो का सुन्न पड़ना, अत्यधिक कपकपी या ठिठुरन, बार बार जी मचलाना या उल्टी होना, अर्धबेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होना इत्यादि दिखाई पड़ते हैं।
शीतलहर से बचाव के लिए हमे अनावश्यक रूप से घर के बाहर नही जाना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो गर्म और ऊनी कपड़े , टोपी, मफलर, दस्ताने आदि पहन कर निकालना चाहिए। शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दिया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना चाहिए साथ ही प्रयोग के बाद इन्हे अच्छी तरह बुझा दें। हीटर ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना नही भूलना चाहिए। उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज तथा हृदय रोगी चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें तथा सामान्यतया धूप होने पर ही घर से बाहर निकलें।
समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविजन आदि के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें। इस अवसर पर बाल प्रेरक रंजन कुमार, साकेत कुमार, रिया कुमारी, पूजा कुमारी , शिक्षक ठाकुर अमरेश प्रसाद, शिक्षिका प्रतिभा कुमारी, कुमारी रीता कुमारी, रेखा कुमारी, कृति कुमारी सहित अन्य लोग मौजूद थें।