युवाओं के आत्मविश्वास से बनेगा नया भारत: डॉ शम्भू विवेकानंद जयंती के पूर्वसंध्या पर कार्यक्रम आयोजित

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औरंगाबाद।विवेकानंद विज़न आइडियल पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में हर्षोल्लास मनाया गया।निदेशक डॉ शंभू शरण सिंह, चेयरमैन मनीष वत्स, उप प्राचार्य संजीव कुमार ने स्वामी जी के तैल चित्र पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

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प्रार्थना सभा मे विद्यालय परिवार ने भी उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया।विद्यालय के बच्चों ने विवेकानंद का रूप धारण कर उनके प्रसंगों की चर्चा कर कार्यक्रम को जीवंत रूप दिया।चयनित छात्र- छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद के जीवनी और विचार पर प्रकाश डाला।वहीं इस अवसर पर पूर्व के कार्यक्रमो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का कहना था कि मैं उस घर में दीया जलाने निकला हूँ जहाँ सदियों से अंधेरा है।आज विद्यालय उनके विचारों को आत्मसात करते हुए सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा की लौ जलाने में अनवरत लगा है।उन्होंने कहा कि हमारे जीवन मे विवेकानंद साहित्य आज भी मार्गदर्शक की भूमिका में है।हमे आवश्य उनका अध्ययन करना चाहिए।राष्ट्रप्रेम की शिक्षा देते हुए कि हमे भी राष्ट्र हित हेतु निरंतर सोचना चाहिए।उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति पर विवेकानंद जी के विचारों की छाप देखी जा सकती है।

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उनके विचारों को आत्मसात कर ही श्रेष्ठ भारत बना सकते हैं।भारत युवाओं का देश है,और युवा होने का अभिप्राय है अपने सपनों को सत्य करने के लिए सदैव संकल्पित होना। हम सब सपने देखें और उसे पूरा करने में अपनी सर्वस्व शक्ति झोंक दें।चेयरमैन मनीष वत्स ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव निर्माण है।युवाओं के कंधे पर राष्ट्र की जिम्मेदारी है, भावी भारत कैसा होगा यह आज के युवा तय करेंगे।अतः आप अपना श्रेष्ठ देने के लिए सदा उत्सुक रहें।

हम विवेकानंद जी के बताए मार्ग पर चलकर हमें उन्नत भारत बनाने का संकल्प लेना चाहिए।धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कोर्डिनेटर सूची कुमारी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर आशाभरी दृष्टि से देख रही है, आप युवाओं से दुनिया काफी उम्मीद लगाए है।अतः भारत की पुनः विश्वप्रणेता बनाने में हमारी अहम भूमिका है।जबभी जीवन मे भटकाव का अनुभव हो हमें स्वामी विवेकानंद साहित्य का सहारा लेना चाहिए।इस अवसर पर पूरा विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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