अफीम की खेती पर गया जिला प्रशासन सख्त ड्रोन के निगरानी से चिन्हित किए जाएंगे लोग

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कोताही नहीं किए जाएंगे बर्दाश्त जाएंगे जेल 

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                      राजेश मिश्रा 

गया।जिला पदाधिकारी गया डॉक्टर त्यागराजन एसएम एव वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में गया जिला अन्तर्गत मादक पदार्थ,अफीम के अवैध खेती,व्यापार के रोकथाम एवं नियंत्रण, मद्द निषेध, खनन विभाग, भूमि विवाद इत्यादि बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई।जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी, भूमि सुधार उप समाहर्ता शेरघाटी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी तथा जिला वन पदाधिकारी को सख्त हिदायत दिया कि हर हाल में अभियान चलाकर तेजी से अफीम की खेती का विनष्टीकरण कार्य करावे।

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अभी प्रारंभिक समय है कि आसानी से अफीम को नष्ट किया जा सकता है, इसके लिये सभी संबंधित पदाधिकारी/ एजेंसी को एक टीम वर्क के रूप में कार्य करना पड़ेगा।ज़िला पदाधिकारी ने सहायक आयुक्त उत्पाद को नोडल बनाते हुए निर्देश दिया कि शेरघाटी अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से जीपीएस युक्त सर्वे कराएं तथा जीपीएस फ़ोटो के आधार पर जमीन मालिक को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करे।

साथ ही पर्याप्त संख्या में जेसीबी ट्रैक्टर सहित अन्य लॉजिस्टिक्स अगले दो दिनों के अंदर चिन्हित करते हुए विनष्टीकरण का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिए हैं। प्रतिदिन दो टीम लगाकर अभियान चलाकर लगातार नष्ट करवाये। उन्होंने बताया कि शेरघाटी अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्र में विशेष कर इमामगंज एव बाराचट्टी के क्षेत्र में लगभग 1300 एकड़ से ऊपर के सरकारी जमीन, वन विभाग के जमीन एवं रैयती जमीन में अफीम की खेती की जाती है।

वन भूमि वाले जमीन पर वन विभाग की ओर से प्राथमिक की दर्ज की जाएगी। सरकारी भूमि पर अफीम की खेती करने वालों के विरुद्ध अंचल अधिकारी के स्तर से एफआईआर की दर्ज की जाएगी तथा प्राइवेट भूमि वाले पर जमीन मालिक पर प्राथमिक की जाएगी। हर हाल में नामजद प्राथमिक की दर्ज करने का निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि वैसे व्यक्ति जो अफीम की खेती करवाते हैं या बड़े माफिया है उन पर विशेष रूप से फोकस कर उन पर प्राथमिक दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई करें। पिछले वर्ष कई एकड़ में बड़े पैमाने पर वन विभाग एवं कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे उसी स्थान पर लगाए गए थे। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा उन क्षेत्रों में वैकल्पिक खेती भी करवाई गई थी ताकि लोग इस मादक पदार्थ की खेती नहीं कर सके।

इस वर्ष अफीम की खेती को नष्ट करने में किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं बरते।समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने बताया कि वन भूमि तथा गैर वन भूमि क्षेत्र में, जहाँ भी अफीम का पौधा है, उसे चिन्हित कर नष्ट करवाये। उन्होंने जिला बंद पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अफीम के फसल को नष्ट करने के दौरान केमिकल का छिड़काव स्प्रे करवाये, ताकि दुबारा मादक फसल उपज नही हो सके।

वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने अफीम की खेती में प्रयोग आने वाले गैर वन भूमि वाले क्षेत्र के जमीन मालिक तथा खेती करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध नामयुक्त (बाय नेम) प्राथमिकी दर्ज करें तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित कराएंगे की उनकी गिरफ्तारी त्वरित गति से हो।

उन्होंने कहा कि अफीम की खेती से जुड़े हुए व्यक्तियों का प्राथमिकी दर्ज करने में किसी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह सभी संबंधित पदाधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कंबाइंड ऑपरेशन चलाने के लिए सभी पारा मिलिट्री फोर्स का भी प्रयोग किया जाएगा।ज़िला पदाधिकारी ने कहा कि सख्ती से लगातार सघन अभियान चलाने का सख्त हिदायत दी है।

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