बच्चे सुन सकेंगे अपने माता-पिता की आवाज अब तक 45 बच्चों की सर्जरी कर कानपुर में किया गया कॉकलियर इंप्लाट

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कानपुर में गुरारू का रितिक, टनकुप्पा के रजनी कुमारी, शेरघाटी के आराध्या कुमारी, गुरारू के रियांश कुमार, शेरघाटी के आयुषी कुमारी का सफलतापूर्वक किया गया सर्जरी

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गया, 29 अप्रैल 2024: जिला में श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से 45 बच्चों के कानों की सफल सज्ररी की जा चुकी है. इन बच्चों के सर्जरी कर कॉकलियर इंप्लाट किया गया है. अब ये बच्चे अपने मां बाप आवाजें सुन सकेंगे. सर्जरी के बाद इन बच्चों के माता -पिता के चेहरे पर मुस्कान है. उन्हें अब आशा हैं कि वह अपने बच्चों की बोली सुन सकेंगे. बच्चे अपने मातापिता को प्रतिक्रियाएं दे सकेंगे.

श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से कानपुर स्थित मेहरोत्रा ईएनटी अस्पताल में इन बच्चों की सर्जरी की गयी. इनमें बोधगया के 8, शेरघाटी के 3, टेकरी 12, बेलागंज 3, खिजर सराय 1, इमामगंज तीन, मोहनपुर दो, मानपुर एक, परैया एक, बांके बाजार एक, डोभी के 2, मोहरा 2, गुरुआ के 2, और वजीरगंज के एक, गया टाउन के 3 बच्चे शामिल हैं.

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*स्वस्थ्य भविष्य की जिलाधिकारी ने की कामना:*

श्रवण श्रुति कार्यक्रम का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एस एम द्वारा नियमित रूप से सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ समीक्षा करते हैं। साथ ही पहले जितने भी सर्जरी हो चुके हैं उन बच्चों में वर्तमान स्थिति का भी जानकारी लेते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि श्रवण श्रुति कार्यक्रम की मदद से ऐसे सभी बच्चे जो सही प्रकार से नहीं सुन पाते या पूरी तरह से बहरापन के शिकार है, उनके सर्जरी और इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी. उन्होंने सर्जरी हुए बच्चों के स्वस्थ्य भविष्य की कामना करते हुए उनके माता -पिता को बच्चों की नियमित थेरेपी की सलाह दी है. बच्चों के बेहतर खानपान पर भी ध्यान देने के लिए कहा है.

जिला पदाधिकारी ने यह भी बताया कि बिगत माह 07 बच्चों का ऑपरेशन किया जा चुका है।

आपरेशन के बाद सभी बच्चों को निःशुल्क समुचित स्पीच थेरैपी करवाया जाता है। स्पीच थेरैपी के माध्यम से बच्चो को सुनने एव समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

*स्क्रीनिंग की संख्या को बढ़ाने का हो रहा काम:*

ज़िला पदाधिकारी ने बताया कि जिला एवं प्रखंड स्तर में कैंप लगाकर बच्चों की स्क्रीनिंग की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. अधिक से अधिक ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है जो बहरापन के शिकार हैं. ऐसे बच्चों के माता​पिता अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक से मिलकर इसके बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं. साथ ही जयप्रकाश नारायण अस्पताल में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्व्यक से मिल सकते हैं.

सिविल सर्जन ने बताया बच्चों की स्क्रीनिंग के बाद आवश्यक जांच किया जाता है. बहरापन के शिकार बच्चों के ईलाज के लिए पूरी व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग कर रही है।

ज़िले में अबतक 326399 बच्चे को स्क्रीनिंग किया जा चुका है। 735 बच्चे को बेरा जांच हेतु रेफर किया गया था। 416 बच्चे बेरा जांच पूर्ण की गई, जिसमे 87 बच्चे बेरा पॉजिटिव पाए गए। कुल 45 बच्चे को सफलतापूर्वक कॉकलियर इंप्लाट मशीन लगा दिया गया है।

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