गया मगध विश्वविद्यालय बोधगया के स्नातकोत्तर नारी अध्ययन विभाग द्वारा नारी विमर्श विषय पर एक विशेष ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का आयोजन स्नातकोत्तर स्त्री अध्ययन विभाग, मगध वि. वि. बोध गया की प्रभारी डॉ. कुमारी दीपा रानी ने किया।
इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता, डॉ अविनाश कुमार झा, सह प्राध्यापक, स्नातकोत्तर इतिहास विभाग, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना और मुख्य अतिथि मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार थे। डॉ अविनाश झा ने इतिहास के पन्नो से लेकर वर्तमान समय तक के नारियों के प्रति सोच में आए बदलाव को उजागर किया।
उन्होंने यह स्पष्ट किया की कैसे दार्शनिक अरस्तू, प्लेटो से लेकर जॉन स्टुअर्ट मिल तक 19 वी शताब्दी में औरतों को जड़वत माना गया। हालांकि नारियों के प्रति सोच में वर्तमान समय में काफी बदलाव आया है, जिस से एक सुदृढ़ समाज, राष्ट्र, और मानवता की स्थिति और प्रबल हो रही हैं।
प्रो. विनय कुमार ने इस बात पर बल दिया की सबसे महत्वपूर्ण है हमारी दृष्टि, दूर दृष्टि जिसमे बदलाव लाकर ही हम नारियों को उनका उचित स्थान दिला सकते है। व्याख्यान में स्वागत भाषण डॉ सौरभ कुमार, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने किया।
इस व्याख्यान में कई विभागों के छात्र/ छात्राएं, शोधार्थी और विभिन्न विभागों के शिक्षक, डॉ धरेन पाण्डे, डॉ विनीता, डॉ श्रद्ध ऋषि, डॉ प्रियंका, डॉ दिव्या मिश्रा, डॉ अम्बे, डॉ एकता वर्मा जुड़े रहें।