गया मगध विश्वविद्यालय, बोधगया अन्तर्गत स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “रिसेंट एडवांसमेंट्स इन मटेरियल्स रिसर्च एंड मॉडर्न फिजिक्स” के दूसरे दिन समापन सत्र आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि माननीय श्री विवेक कुमार सिंह, चेयरमैन, रियल एस्टेट
रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA), बिहार, जो अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण, प्रखर वक्तृत्व और प्रशासनिक अनुभव के लिए प्रसिद्ध हैं। श्री विवेक कुमार सिंह, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के रूप में दशकों के प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ अकादमिक विषयों में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति-निर्माण के संगम पर व्यापक विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि मैटेरियल साइंस न केवल उद्योगों की रीढ़ बन रही है, बल्कि यह भारत के आत्मनिर्भर बनने के सपने को भी आकार दे रही है। उन्होंने विद्यार्थीयों एवं शोधार्थियों को
आह्वान किया कि वे प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा से प्रेरणा लेते हुए नवाचार को अपनी शोध दिशा बनाएं। अपने संबोधन में उन्होंने गया की सांस्कृतिक विरासत, बौद्ध एवं ब्राह्मण परंपरा और अंतरराष्ट्रीय तीर्थ स्थल के रूप में इसकी भूमिका की सराहना करते हुए इसे शोध का केंद्र बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि मूलभूत शोध और लोक उपयोगी प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन बनाकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुँचाएं।
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि विवेक कुमार सिंह जैसे दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता का विश्वविद्यालय में आगमन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने उनके प्रशासनिक योगदान, पारदर्शिता और जनहितकारी नीतियों की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि के इस विद्वतापूर्ण और प्रेरणादायी उद्बोधन ने न केवल उपस्थित विद्वानों, शोधार्थियों और छात्रों को शोध के नए क्षितिज की ओर उन्मुख
किया, बल्कि शैक्षणिक दृष्टि से यह संगोष्ठी एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गई। समापन सत्र में मंच संचालन भौतिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ रेनू रानी द्वारा किया गया वहीं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार वर्मा ने किया। इससे पूर्व तकनीकी सत्र में डॉ सोमनाथ कार (कोल्हान विश्वविद्यालय, झारखंड) एवं डॉ विनय कुमार (सीसीएस हिसार एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हरियाणा) के सशक्त व्याख्यानों के साथ-साथ विभिन्न शोधार्थियों द्वारा
मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियाँ दी गईं । विभाग के सभी शिक्षकगण, शोधार्थी, अन्य विभागों के प्राध्यापक और देशभर से आए प्रतिभागी शामिल रहे। यह संगोष्ठी इस संदेश के साथ संपन्न हुई कि नवाचार, परंपरा और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से ही भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ सकता है।